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Wednesday, March 6, 2013

हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ... ... ...

फ़िल्म - हकीक़त (Haqeekat 1964)
गायक - भूपिंदर, मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे
संगीतकार - मदन मोहन

घायल, थके, जांबाजों की धड़कन >>> देखिये, सुनिए, महसूस कीजिये 

हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
ज़हर चुपके से, दवा जानकर खाया होगा ... 
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे ... ... ...

दिल ने ऐसे भी कुछ अफ़साने सुनाए होंगे ...
दिल ने ऐसे भी कुछ अफ़साने सुनाए होंगे ...
अश्क़ आँखों ने पिये और न बहाए होंगे ...
बन्द कमरे में जो खत मेरे जलाए होंगे ...
एक इक हर्फ़ जबीं पर उभर आया होगा  ...
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
ज़हर चुपके से, दवा जानकर खाया होगा ... 
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे ... ... ...

उसने घबराके नज़र लाख बचाई होगी ...
उसने घबराके नज़र लाख बचाई होगी ...
दिल की लुटती हुई दुनिया नज़र आई होगी ...
मेज़ से जब मेरी तस्वीर हटाई होगी ...!
मेज़ से जब मेरी तस्वीर हटाई होगी ...हाए ए ...
हर तरफ़ मुझको तड़पता हुआ पाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
ज़हर चुपके से, दवा जानकर खाया होगा ... 
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे ... ... ...

छेड़ की बात पे अरमाँ मचल आए होंगे ...
छेड़ की बात पे अरमाँ मचल आए होंगे ...
ग़म दिखावे की हँसी में उबल आये होंगे ...
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आए होंगे ... ... ...!
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आए होंगे .......
सर न काँधे से!
सर न काँधे से, सहेली के उठाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
ज़हर चुपके से, दवा जानकर खाया होगा ... 
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे ... ... ...

ज़ुल्फ़ ज़िद करके किसी ने जो बनाई होगी ...
ज़ुल्फ़ ज़िद करके किसी ने जो बनाई होगी ...
और भी ग़म की घटा मुखड़े पे छाई होगी ...
बिजली नज़रों ने कई दिन न गिराई होगी ...
रँग चहरे पे कई रोज़ न आया होगा ...
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
ज़हर चुपके से, दवा जानकर खाया होगा ... 
हो के मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा ...
हो के मजबूर मुझे ... ... ...
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 जय हिन्द !
निवेदक :
_श्रीकांत तिवारी .