लोहरदगा, थाना टोली, ०२:२५ PM २९ मार्च २०१२
झारखण्ड में राज्य-सभा चुनाव! और 'प्रभात खबर' की मुहीम!!वाह!
आज कई दिनों से प्रभात खबर(अखबार)लगातार ये छपे जा रहा है कि अबकी बार राज्य सभा का चुनाव बिना किसी भ्रष्टाचार, कदाचार के संपन्न हो. नेता बिकें नहीं.
मात्र २ सीट है और ५ उम्मीदवार मैदान में हैं. ऐसे में क्या होगा? ३ को तो निश्चित हारना होगा. क्या वो यूँ ही हार जायेंगे? क्या वो ये बात नहीं जानते या अपनी औकात नहीं पहचानते? प्रमुख राजनीतिक दलों के रुख रहस्यमय बने हुए हैं! जनता की इसमें कुछ नहीं चलने वाली. ये शक्तिशाली अति-संपन्न व्यक्तियों के जीवन का संघर्ष है, जिसके लिए वो आज तक जिंदा हैं, सिर्फ अपने-अपने स्वार्थ के लिए न की जनता और देश के लिए! जो हारेंगे उनकी भी झोली खाली नहीं रहेगी. जो जीतेंगे वो तो विजयी कहलायेंगे ही. "प्रभात खबर" चाहे अपनी बात स्याही से छापे या फिर खून से! प्रभात खबर की मुहीम जब तक जनता की मुहीम, जन-आन्दोलन, जन-जन की अपनी लड़ाई न बन जाये प्रभात खबर के सामान निष्पक्षता का सन्देश फैलाते रहना होगा.
पुनश्च:
चौकन्ने प्रशाशन की हालिया २.१५ कड़ोड़ नगदी जब्त करना ऐसी ही निष्पक्ष मुस्तादी और कुशल प्रशाशन की सफलता है.
०२ अप्रैल २०१२
कौन कहता है की आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो ज़रा दिल से उछालो यारो!!!.....श्री सुएंद्र मोहन पाठक के उपन्यास से.
_श्रीकांत तिवारी.