पद्मभूषण सम्मान की झड़ियों में स्वर्गीय प्रिय राजेश खन्ना को मरणोपरांत पद्मभूषण सम्मान की घोषणा से जहां ख़ुशी हुई वहीँ दिल में एक डर घर कर गया है:_
एक ज़माने में दहेज़ का लिए बहुओं को जलाने और मार डालने की खतरनाक रवायत बन गई थी। जिससे पूरा देश आहात था। उस समय 'विजय-विकास' सीरिज़ के जासूसी उपन्यासों के रचयिता श्री वेद प्रकाश शर्मा ने एक सामाजिक-थ्रिलर उपन्यास की रचना की थी-"बहु मांगे इन्साफ"; जिस पर हिंदी फिल्म भी बनी थी। बाद में कुछ घटना क्रम ऐसे हुए जिसमे ये हौलनाक सच सामने आया कि दुर्भावना और पूर्वाग्रह से ग्रसित मानसिकता वाली लड़कियों-दुल्हनों ने झूठे दहेज़ प्रताड़ना का आरोप लगा कर कई निर्दोष लड़कों-युवाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। धीरे-धीरे ऐसे झूठे आरोप आम होनें लगे। ऐसे ही भयावह झूठ पर श्री वेद प्रकाश शर्मा ने दहेज़ आधारित अपराध पर एक नए उपन्यास की रचना की जिसमे कैसे एक दुल्हन ने झूठे दहेज़ के आरोप में एक परिवार को बर्बाद कर दिया। वो उपन्यास था -'दुल्हन मांगे दहेज़'; जिसे पढ़कर अभी भी सिहरन होती है। आज इस उपन्यास की याद आने की एक वजह है।
हालिया दिल्ली गैंग-रेप कांड, जिसमे 'दामिनी' की जान गई; और जिससे अभी भी हम सभी देशवासी थर्राये हुए हैं, जिसके वजह से दिल्ली पुलिस काफी सक्रीय हो चुकी है; क़ानून की आखें भी इस जघन्य कांड से चुंधियाई हुई हैं; गणतंत्र दिवस की पूर्व सन्ध्या पर देश को संबोधित करते भारत के माननीय राष्ट्रपति श्रीमान प्रणब मुखर्जी महोदय ने भी अपनी संवेदना प्रकट की और कई हिदायतें दीं; ऐसे हालात में _आज एक लड़की ने दिल्ली में कुछ युवकों को झूठे गैंग-रेप के आरोप में फंसा दिया। फिर बाद में मुकर गई। उसने बताया कि उन युवकों में से एक ने उससे शादी का वादा करने बाद भी शादी नहीं की इसी से कुढ़कर उसने ये 'झूठा' आरोप उन पर मढ़ दिया था!
लगता है अब झूठे गैंग-रेप का आरोप एक रवायत बनने जा रहा है।
कितने फंसेंगे,कितने मरेंगे? गंभीर सवाल है।
ज़रा सोचिये।
_श्री . 25-01-2013/Ldga.
एक ज़माने में दहेज़ का लिए बहुओं को जलाने और मार डालने की खतरनाक रवायत बन गई थी। जिससे पूरा देश आहात था। उस समय 'विजय-विकास' सीरिज़ के जासूसी उपन्यासों के रचयिता श्री वेद प्रकाश शर्मा ने एक सामाजिक-थ्रिलर उपन्यास की रचना की थी-"बहु मांगे इन्साफ"; जिस पर हिंदी फिल्म भी बनी थी। बाद में कुछ घटना क्रम ऐसे हुए जिसमे ये हौलनाक सच सामने आया कि दुर्भावना और पूर्वाग्रह से ग्रसित मानसिकता वाली लड़कियों-दुल्हनों ने झूठे दहेज़ प्रताड़ना का आरोप लगा कर कई निर्दोष लड़कों-युवाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। धीरे-धीरे ऐसे झूठे आरोप आम होनें लगे। ऐसे ही भयावह झूठ पर श्री वेद प्रकाश शर्मा ने दहेज़ आधारित अपराध पर एक नए उपन्यास की रचना की जिसमे कैसे एक दुल्हन ने झूठे दहेज़ के आरोप में एक परिवार को बर्बाद कर दिया। वो उपन्यास था -'दुल्हन मांगे दहेज़'; जिसे पढ़कर अभी भी सिहरन होती है। आज इस उपन्यास की याद आने की एक वजह है।
हालिया दिल्ली गैंग-रेप कांड, जिसमे 'दामिनी' की जान गई; और जिससे अभी भी हम सभी देशवासी थर्राये हुए हैं, जिसके वजह से दिल्ली पुलिस काफी सक्रीय हो चुकी है; क़ानून की आखें भी इस जघन्य कांड से चुंधियाई हुई हैं; गणतंत्र दिवस की पूर्व सन्ध्या पर देश को संबोधित करते भारत के माननीय राष्ट्रपति श्रीमान प्रणब मुखर्जी महोदय ने भी अपनी संवेदना प्रकट की और कई हिदायतें दीं; ऐसे हालात में _आज एक लड़की ने दिल्ली में कुछ युवकों को झूठे गैंग-रेप के आरोप में फंसा दिया। फिर बाद में मुकर गई। उसने बताया कि उन युवकों में से एक ने उससे शादी का वादा करने बाद भी शादी नहीं की इसी से कुढ़कर उसने ये 'झूठा' आरोप उन पर मढ़ दिया था!
लगता है अब झूठे गैंग-रेप का आरोप एक रवायत बनने जा रहा है।
कितने फंसेंगे,कितने मरेंगे? गंभीर सवाल है।
ज़रा सोचिये।
_श्री . 25-01-2013/Ldga.