जबतक मेरा प्रोजेक्ट -"दुर्भिक्ष"- पूरा नहीं हो जाता, अभी अपना प्रोफाईल फोटो बदलने मेरा अपना कोई इरादा नहीं है, पर सोचता हूँ नेक्स्ट "अमज़द खान" ठीक रहेंगे! कम से कम पचास हज़ार के ईनामी होने का तो गुमान तो बना रहेगा! एक बार दिल में आया कि मधुबाला की फोटो लगा लूँ, लोग आहें भी भरेंगे और बुढापे का डर भी ख़तम हो जाएगा! यूँ तो दिव्या भारती भी ठीक है, पर बिल्डिंग से गिरकर मरना भी नहीं चाहता! अमिताभ तो में हूँ ही, रोज अपनी शक्ल देख आईना भी चूर चूर होता रहता है! धर्मेन्द्र की हज़ारों फ़ोटोज़ में से छांटने लगा तो सभी छंट गए, अब मारा-मारी है मची है कि मैं मैं मैं ! एक दफे फ़िरोज़ खान ने जिद्द पकड़ ली, पर टकला बनकर इसी जनवरी में होकर ओले खा चूका हूँ! देव साहब अलग हर घड़ी तंग करते ही रहते हैं; जिस खिड़की से झाँको वही मुस्कुराते खड़े मिलते हैं! प्राण साहब के पन्ने पलते तो उन्होंने राका की तरह झापड़ रसीद साईन कर मेरे चौखटे पर चिपका दिया की राज साहब से गंगा जल मांग कर पहले मुँह धोकर आऊं! राज साहब के पास गया तो उन्हें इतना मायूस पाया कि बिना कुछ बोले सुनील दत्त साहब के पास गया जो नरगिस को उड़ा ले गए थे! दत्त साहब पर कोई फैसला लेने की सोच ही रहा था कि, दिलीप साहब घर से निकलते ही दिल में यूँ समा गए कि बाहर आने का नाम ही नहीं लेते! सोचा बाराक ओबामा की फोटो लगा लूँ, ससुरा चीन तो थोड़ा सहमा रहेगा, साले फिर से असाम से लेकर लद्दाख तक १९६२ वाली हरकत शुरू कर चुके हैं! इसीलिए दलाई लामा की फोटो भी नहीं लगा रहा हूँ कि कमीने और चिढ़ जायेंगे! मनमोहन सिंह जी को फिर से बोलना सीखने के लिए किसी बातूनी स्कूल में भर्ती करने बाकी चले गए हैं! बाकी इंडियन नेतवन के सकल देख के पान खाने का मन हुआ कि कुछ तो थूकने लायक हो सकेंगे! पर पान वाला भी किसी मरे नेता की मईयत में दूकान बढ़ा कर नॉट रीचेबल है! सो अब छोडो भी यार, इस पगड़ी वाली फोटो में कम से कम मनोज कुमार तो लग रहा हूँ ना!