बादशा बेटे , पूरी में सचमुच मुझे बहुत गुस्सा आ गया था। वहीं साक्षी-गोपाल मंदिर में तो पण्डों ने मिलकर इस बुरी तरह हमें घेर था कि मुझे भागने में ही पनाह दिखाई दी। कमल फंस गया था, कुछ देर के लिए तो ऐसा लगा जैसे हमें बंधक बना लिया गया है जो अब उनके मुंहमांगे दाम चुकाए बगैर खैर नहीं, आखिकार उन्होंने काफी दुर्व्योहार किया और मजबूरन हमें पैसे चुका कर ही मुक्ति मिली। इसके बाद हम फिर किसी मंदिर में नहीं गए।
हाँ ! सी बीच पर घूमना-टहलना, समुद्र स्नान का हमने खूब आनंद उठाया। कमल की एक तस्वीर सिर्फ तुम्हारी दिलचस्पी के लिए पोस्ट कर रहा हूँ। 1979 के दिसंबर में इसी पोज़ में एक काला ब्लेज़र पहने इस लड़के की फोटो आज भी खूब पसंद है, पर 2012 दिसंबर में इस ''बच्चे'' को (after metamorphosis) देखकर बतलाओ कि ये आदमी है या दुधारू गाय !!?
__श्रीकांत मामा
हाँ ! सी बीच पर घूमना-टहलना, समुद्र स्नान का हमने खूब आनंद उठाया। कमल की एक तस्वीर सिर्फ तुम्हारी दिलचस्पी के लिए पोस्ट कर रहा हूँ। 1979 के दिसंबर में इसी पोज़ में एक काला ब्लेज़र पहने इस लड़के की फोटो आज भी खूब पसंद है, पर 2012 दिसंबर में इस ''बच्चे'' को (after metamorphosis) देखकर बतलाओ कि ये आदमी है या दुधारू गाय !!?
__श्रीकांत मामा