भाइयों !
स्वर्गीय शहीद सरबजीत जी को आज देश का बच्चा-बच्चा जान गया! उसपे हुए हर ज़ुल्म को जान गया! लेकिन उसकी दुखद और खौफनाक कहानी स्कूलों में नहीं पढ़ाई जायेगी! देश के झंडे को सरबजीत के शोक में नहीं झुकाया जाएगा! दूसरी तरफ चीन अपने नापाक इरादे दिखला रहा है! प्रधान मंत्री जी और अन्य नेता लोग बयानबाजी का मैच खेलने में व्यस्त हैं! कैसे बेदर्द और -spineless- गवर्नमेंट है हमारी??
यह संकट की घडी है!
यारों ! कुछ तो सोचो!
क्या सरबजीत मी मौत बेकार चली जायेगी!? ...और हम इन्टरनेट पर बैठकर गप्पें मारें!?
क्या हम तीन दिन के लिए इससे (इन्टरनेट/ facebook वगैरह से) परहेज नहीं रख सकते!?
""">>>क्या तीन दिन का मौन रखने से हमारे कर्तव्य-कर्म पूरे हो जायेंगे!!??........नहीं।<<<"""
तो?
अपना चेहरा मत छुपाओ !!
सामने रहो !!
लड़ो !
आवाज़ लगाओ !!
वह माध्यम चाहे जो भी हो ! हिलाओ और झकझोरो इस कमज़ोर सरकार को !!
AC चैम्बर में बैठे रहने से, और 'बतकूचन' करने से अच्छा होगा, यदि हम सरबजीत के परिवार के प्रति संवेदनशील हो सकें, और अपनी भावनाओं और गुस्से से इस लचर सरकार को अवगत करा सकें! वरना तुम्हारे आंसू कभी भी नहीं सूखेंगे!
तो फिर उठिए .......
भारतीय सेना से मुखातिब होइये!
अपने देश के वीर सपूतों की थोड़ी संगत कीजिये।
और उनके विचार जानिये, और अपनी भावनाओं से उन्हें अवगत कराकर उनका मनोबल बढ़ाइए ........
कहिये की हम सदैव उनके साथ हैं .........
स्वर्गीय शहीद सरबजीत जी को आज देश का बच्चा-बच्चा जान गया! उसपे हुए हर ज़ुल्म को जान गया! लेकिन उसकी दुखद और खौफनाक कहानी स्कूलों में नहीं पढ़ाई जायेगी! देश के झंडे को सरबजीत के शोक में नहीं झुकाया जाएगा! दूसरी तरफ चीन अपने नापाक इरादे दिखला रहा है! प्रधान मंत्री जी और अन्य नेता लोग बयानबाजी का मैच खेलने में व्यस्त हैं! कैसे बेदर्द और -spineless- गवर्नमेंट है हमारी??
यह संकट की घडी है!
यारों ! कुछ तो सोचो!
क्या सरबजीत मी मौत बेकार चली जायेगी!? ...और हम इन्टरनेट पर बैठकर गप्पें मारें!?
क्या हम तीन दिन के लिए इससे (इन्टरनेट/ facebook वगैरह से) परहेज नहीं रख सकते!?
""">>>क्या तीन दिन का मौन रखने से हमारे कर्तव्य-कर्म पूरे हो जायेंगे!!??........नहीं।<<<"""
तो?
अपना चेहरा मत छुपाओ !!
सामने रहो !!
लड़ो !
आवाज़ लगाओ !!
वह माध्यम चाहे जो भी हो ! हिलाओ और झकझोरो इस कमज़ोर सरकार को !!
AC चैम्बर में बैठे रहने से, और 'बतकूचन' करने से अच्छा होगा, यदि हम सरबजीत के परिवार के प्रति संवेदनशील हो सकें, और अपनी भावनाओं और गुस्से से इस लचर सरकार को अवगत करा सकें! वरना तुम्हारे आंसू कभी भी नहीं सूखेंगे!
तो फिर उठिए .......
भारतीय सेना से मुखातिब होइये!
अपने देश के वीर सपूतों की थोड़ी संगत कीजिये।
और उनके विचार जानिये, और अपनी भावनाओं से उन्हें अवगत कराकर उनका मनोबल बढ़ाइए ........
कहिये की हम सदैव उनके साथ हैं .........