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Monday, December 10, 2012

गद्दी में कॉमेडी सर्कस:

गद्दी में कॉमेडी सर्कस:
          1. हमारे एक सहकर्मी हमेशा ये जताने की कोशिश में लगे रहते हैं कि हम उन्हें "भाव" दें। इसके लिए ये हमेशा कथा करते रहते हैं कि वो डी.सी. के दोस्त हैं, मंत्री जी उनके साथ घूमते-फिरते हैं साथ बिठा कर व्हिस्की पीते-पिलाते हैं! जब भी कोई बात कीजिये उस विषय के विशेषग्य बन जाते हैं। उन्हें किचन के काम भी आते है और स्पेस साइंस के भी ज्ञाता हैं। कुरान, बाइबल और हिन्दू धर्मग्रंथों के ज्ञाता और कथा वाचक बन जाते हैं। कोई उनके मुंह नहीं लगना चाहता, पर जबरन बात छेड़कर हम पर हावी होने की कोशिश में लगे रहते हैं। उनके मुताबिक उनके सम्बन्ध देश के शीर्षस्थ नेताओं, अभिनेताओं, खिलाड़ियों और सेलेब्रेटीजसे हैं, और ये उनके दुलरुवा भाई हैं, मित्र और सलाहकार हैं!! पर यहाँ हमारे साथ जॉब क्या करते हैं!__पैंट्री, और किचन सँभालते हैं। रसोइया !! ...हे भगवान्! इस लसूड़े से कैसे जान छूटे!? हमने तय कर लिया कि ससुरे को उसकी औकात दिखाएँ। हमने उसे सबक सिखाने की ठान ली। इसका मौका वो हमेशा देते ही रहते है, सिर्फ हमही मुलहिज़े में चुप रहते थे। आज ये चुप्पी हमने तोड़ी।

आज ये भांज रहा था : " तीन साल शाहरूख खान के साथ रहले हियई, ... शाह... "
तुरंत मनोज भईया ने पूछा : " उसका जूता साफ़ करते थे क्या?"

मरदूद का मुंह देखने लायक था। हम सारे साथी खूब हँसे।


          2. "इस साल- 2012" को काफी दिनों से पृथ्वी के लिए विनाशक बता कर दहशत का माहोंल बना दिया गया है। इस पर "2012" नाम से हॉलीवुड मूवी बन चुकी है, जिसमे पृथ्वी को नष्ट होते दिखाया गया है। इस भ्रांति ने महिलाओं को ज्यादा डराया हुआ है।

सहारा इंडिया का एजेंट: " भाभी आप इन्वेस्ट कीजिये ना, बहुत अच्छा प्लान है। पाँच साल में अढ़ाई गुना देगा।
भाभी : " नई रिंकू जी। परलय के बाद।"

       
          3. शहर में मेला/कार्निवाल लगा है, खूब मनोरंजन और तमाशे हो रहे हैं। कोई निशाना आजमा रहा है, कोई झूले पे चढ़ा किलकारियां भर रहा है। मोटकी चाची को वजन तौलने वाली मशीन ने रिझाया। चचा बोले अरे टूट जयितई मिसिनिया!! पर चाची नहीं मानी। और ए गो सिक्का ले के जैसे ही मशीन पर चढ़ीं, मशीन की बत्तियां बेलगाम होकर जलने-बुझने लगीं। मशीन के स्पीकर ने तीन बार बीप-बीप किया और अनुनयपूर्ण स्वर में बोला : " कृपया दो व्यक्ति एकसाथ मशीन पे न चढ़ें!!

कोई इम्तिहान पास करने की होड़ में मैंने सोशल नेटवर्किंग साइट्स ज्वाइन नहीं किया। कमेंट्स कोई मार्क्स नहीं हैं जो न हो तो आपका किया हुआ महत्वहीन हो जायेगा। मेरा एक ही ढर्रा है: "जो मन भावे, सो तन लागे। ये सूचना के आदान-प्रदान का माध्यम मात्र है, रेस ट्रैक नहीं। बस इतना ध्यान रहे कि मर्यादाओं का उलंघन न हो। 
यह एक सामान्य बात है और मेरा अपना कथन है। किसी व्यक्तिविशेष के लिए चेतावनी, या उपदेश नहीं है। कृपया भ्रम न पालें। आपका इसका मानना न मानना मुझे प्रभावित नहीं करेगा। मैंने बस इतना कहा है कि यहाँ कोई प्रतियोगिता नहीं हो रही है।

 

वीणा के ज़ख्म ! वीणा का दर्द !!

 10, दिसंबर, 2012    सोमवार,     लोहरदगा     शाम के साढ़े आठ बजे -


अभी-अभी मैंने वीणा के चोंथी बार सर्जरी हुए हाथ की फ्रेश ड्रेसिंग की। नई, चोंथी सर्जरी के ज़ख्म को देख कर दहशत से सिहर गया! 2 लम्बे-लम्बे कट हैं जिनमे कुल मिला कर 13 टाँके हैं। 12/12/12 को टाँके कटवाने का दिन है। इसी दिन (अफवाह के अनुसार) महाप्रलय का दिन भी है। चलिए किसी बहाने इस ऐतिहासिक तारीख से हमारा अविस्मरनीय सम्बन्ध बनने जा रहा है। मैंने वीणा के इस ज़ख्म की फोटो खीची है, आपसे शेयर कर रहा हूँ।
 देखिये ..........!!


क्यों ... घिन्न आ रही है? या तरस आ रहा है!?

तस्वीर तो शेयर कर लिए। क्या वीणा का दर्द भी शेयर कर पायेंगे!? नहीं। जो समझना था समझ भी गए होंगे। वीणा के लिए "गेट वेल सुन" की प्रार्थना भी आपने कर ली होगी।

 ये संजीदा विषय जड़ से ख़त्म हो, इस निवेदन के साथ आप सभी लोगों का धन्यवाद।
कुछ कहना-सुनना है तो वो भी कर लीजिये क्योंकि कुछ हंसी-ठिठोली करने का मन कर रहा है।

श्रीकांत  .