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Friday, April 19, 2013

ठुमक चलत रामचंद्र

भगवन के जन्म पर यह  गया 
"भय प्रकट कृपाला दीनदयाला कोसल्या हितकारी।
फिर ........

II Thumak Chalat Ramchandra II
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ..

किलकि किलकि उठत धाय गिरत भूमि लटपटाय .
धाय मात गोद लेत दशरथ की रनियां ..

अंचल रज अंग झारि विविध भांति सो दुलारि .
तन मन धन वारि वारि कहत मृदु बचनियां ..

विद्रुम से अरुण अधर बोलत मुख मधुर मधुर .
सुभग नासिका में चारु लटकत लटकनियां ..

तुलसीदास अति आनंद देख के मुखारविंद .
रघुवर छबि के समान रघुवर छबि बनियां .. 

ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां …
Baby Ram walks, swaying unsteadily
Baby Ram…. His anklets ring in tune with his steps
किलकि किलकि उठत धाय गिरत भूमि लटपटाय .
धाय मात गोद लेत दशरथ की रनियां …
Laughing joyously he stumbles around on the ground
He is fondly picked into the laps of King Dasharath’s queens
Baby Ram walks…
His anklets…
अंचल रज अंग झारि विविध भांति सो दुलारि .
तन मन धन वारि वारि कहत मृदु बचनियां …
They cover him with saris, dusting the dirt off and caressing his bruises
They offer loving and reassuring words of devotion to make him feel better
तुलसीदास अति आनंद देख के मुखारविंद .
रघुवर छबि के समान रघुवर छबि बनियां …
Poet Tulsidas is thrilled at the face of Ram, which has the glory of the Sun
Baby Ram is exactly what he imagined him to be
Baby Ram walks…
his anklets…
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श्रीरामनवमी की हार्दिक शुभ कामनाएं! 
निवेदक :
श्रीकांत तिवारी