अमिताभ बच्चन ने अब तक जितनी फिल्मो में काम किया उतने ही जन्म उन्होंने जिया. और उनकी फिल्मो के माध्यम से हमने भी एक युग जिया है. अभी भी अगर कोई 'DON' देखे, 'दीवार' देखे, या 'शोले' देखे तो उसे स्वतः अपनी उम्र की उस अवस्था की याद आये बिना नहीं रहेगी. वो उम्र जब हममें निश्छल उत्साह और उल्लास के अलावे और कुछ नहीं था. सच कहूँ तो वो ही उम्र फिर जीने की ललक ने ही हमें आज-कल की विषमताओं में जिन्दा रखा है.
श्रीकांत
श्रीकांत