अभी हाल ही में वैटिकन सिटी में नए पोप का चुनाव हुआ है, जिससे मुझे DAN BROWN की इस किताब ANGELS & DEMONS की याद आ गई! .........
कोलकाता! सन 2009! तारिख याद नहीं, पर अगस्त का महीना-(सावन का महीना)-है! मैं मेरे बेटे प्रीतीश के साथ कोलकाता आया हुआ हूँ! प्रीतीश की B.Tech में दाखिले की काउन्सलिंग 'साल्ट-लेक स्टेडियम' में हो चुकी है! हम कोलकाता; प्रफुल्ल कानन रोड स्थित(केश्टोपुर) मेरे भांजे सौरभ के घर(फ्लैट) पर वापसी की पैकिंग कर रहे हैं! आज रात 10:20PM पर हमारी वापसी की गाड़ी का समय है! समय 07:30PM के करीब हैं, और कोलकाता स्टेशन ...बहुत दूर है! हम हड़बड़ी में हैं! सौरभ अपने (TCS)-OFFICE से रात 10PM से पहले नहीं लौट पाता, सो हमने तयशुदा बात के मुताबिक चाबी दरवान के सुपुर्द की सौरभ से मोबाइल पर बात हुई, और बिना कुछ खाय-पीये हम पिता-पुत्र स्टेशन के लिए निकल पड़े! स्टेशन पहुँचते-पहुँचते 09:30 बज गए! स्टेशन पर हमने कुछ खाया और अपनी ट्रेन के लिए निर्धारित प्लेटफार्म नंबर 22/23 पर, हाँफते-हाँफते, पहुंचे! प्लेटफार्म पर जो -धीमी-सी- चहल-पहल थी उससे हमें आभास हुआ कि कोई गड़बड़ है! पता करने पर मालुम हुआ कि ट्रेन छः घंटे लेट है, रात एक बजे तक आवेगी! '..........!' मन बहलाने के लिए हम प्लेटफार्म पर घूमने लगे और मेरी आदत के मुताबिक हम एक बुकस्टाल पर जाकर किताबें ताड़ने लगे! मुझे एक मिल गया, ...नहीं दो मिल गए! मैंने दाम चुकाय और एक खाली जगह देखकर बैठा और टाइम-पास शुरू! बहुत पहले का "पढ़ा हुआ" (श्री वेदप्रकाश शर्मा जी का) 'बहु मांगे इन्साफ' फिर नए सिरे से मैंने पढना शुरू किया! अचानक जिम्मी(प्रीतीश) ने मुझे झंझोड़ा! '_हाँ! क्या है? _'इधर आइये ना!" _'काहे?' _दत्त, आइये तो!' मैं मन ही मन कुढ़ते उसके पीछे चला, तो वो मुझे एक बुकस्टाल-सी ट्रॉली के पास ले गया, और उसके डिस्प्ले पर मुझे देखने को कहा! मैंने पूछा_ 'हाँ! क्या देखूं?' तो उसने एक किताब को ऊँगली से छुआ और बोला कि वह किताब वो खरीदना चाहता है! मैंने कीमत पूछी तो दाम सुनकर मैं बिदक गया! तब जिम्मी ने मेरी मनुहार शुरू की '..."दी डा विन्ची कोड" फिल्म आपने देखी है न?' '...हाँ!', '..ये उसी फिल्म के लेखक DAN BROWN की किताब है, "दी डा विन्ची कोड" इन्हीं के बुक पर आधारित थी, और ये उसी लेखक की नयी किताब है "ANGELS & DEMONS !"; इस पर भी मूवी बन चुकी है; बस रिलीज़ होने ही वाली है!' '...तो?' '...म्म-च्छ:; मुझे लेना है!' '...तो? '...दे..त`_पापा!' '...!' _वह किताब खरीदी गई! और जब तक ट्रेन न आई जिम्मी ने मुझे मेरी किताब को अलग रखवा कर उस नई -अंग्रेजी- किताब को पढने को कहने लगा! मैंने कहा:"-दुर्र, हमरा बुझैतई? _'आप पढ़िए तो, कोई एग्जाम थोड़े ही देना है, जैसे हिंदी को पढ़ते हैं, उसी तरह ये भी हैं!' _मैंने शंकालु भाव से उसके पन्ने पलटे, उलट-पलट कर देखा, और बेटे को खुश करने के लिए उसी की सुझाई एक पृष्ठ को पढने लगा लिखा था : -PROLOGUE-
Physicist Leonardo Vetra smelled burning flesh, and he knew it was his own. He stared up in terror at the dark figure looming over him, `What do you want!`
`La chiave,` the raspy voice replied. `The password.`
`But... I don't___'
The intruder pressed down again, grinding the white hot object deeper into Vetra's chest. There was a hiss of broiling flesh.
Vetra cried out in agony. `There is no password!` He felt himself drifting toward unconsciousness.
The figure glared. `Ne avevo paura. I was afraid of that.`
Vetra fought to keep his senses, but the darkness was in. His only solace was in knowing his attacker would never obtain what he had come for. A moment later, however, the figure produced a blade and brought it to Vetra's face. The blade hovered. Carefully. Surjically.
`For the love of God!` Vetra screamed. But it was too late. ज्यादा कुछ समझ में नहीं आया फिर भी जो आया उसके मुताबिक>>
दोस्तों, इतना पढने के बाद, हम जैसे 'रहस्य-रोमांच के रसिक पाठकों' को जो रोमांच होता है, और जो जिज्ञासा का तूफ़ान जोर मारता है, उसकी मार मैं न झेल सका! मैंने इस -अंग्रेजी- की किताब में तुरंत डुबकी मार दी, लेकिन प्रीतिश ने मुझसे जबरन खींच निकला: '-लाइए, दीजिये!' _'काहे? _'मुझे पढना है!' मैंने उसे दूसरी किताब थमाई:_'जाओ, खेलो!' _'ओहोह:, ... इस तरह हम पिता-पुत्र में प्यारी नोंक-झोंक होने लगी! मैंने प्रीतिश को वो किताब दे तो दी, लेकिन अब मेरा जी नहीं लग रहा था! हमारी ट्रेन आने तक मैंने उससे छीना-झपटी कर के कई बार उसे पढना चाहा, लेकिन बेटे ने कहा कि वो घर पहुँचते तक उसे पूरी पढ़ लेगा, तब मुझे दे देगा! मैंने बात मान तो ली, लेकिन सारे सफ़र में मुझे -हॉलीवुडियन- सपने आते रहे! आखिरकार जब यह किताब पूर्णतः मेरे काबू में आ गई, और (अंग्रेजी का कम ज्ञान होने के कारण) बड़ी मेहनत से, लेकिन खूब रूचि लेकर जब मैंने इस उपन्यास ANGELS & DEMONS को पढना शुरू किया तो एक नए अनुभव की स्फुरण और कहानी के प्रवाह की जादुई पकड़ में जकड़ा मैं इसे पढता गया, पढता ही गया! यूँ 7-8 दिनों में जब मैंने इसे पूरा किया तब मैंने अपने में कुछ तबदीली महसूस की! '_मुझे किसी और किताब में अब मन नहीं लग रहा था! फिर मुझे याद आया कि प्रीतिश ने कहा था कि इस किताब पर मूवी बन चुकी है!! मैंने इस मूवी को ढूंढना शुरू किया, नहीं मिला। तब मैंने DAN BROWN पर ध्यान केन्द्रित किया। 'इन्होने और भी तो किताबें लिखी होंगी!?' जरूर!! मैंने ढूँढा तो DAN BROWN की और 4 (चार) किताबें मिलीं! जिन्हें मैंने पढ़ा!
लेकिन अभी ANGELS & DEMONS की ही बात करूँगा! चूँकि मैं फिल्म:"दी डा विन्ची कोड" देख चूका था अतः हार्वर्ड युनिवेर्सिटी के प्रोफ़ेसर, Symbologist, Mr. Robert Langdon (HOLLYWOOD Star TOM HANKS) से परिचित था, लेकिन उतना ही जितना फिल्म में चित्रित था! Robert Langdon से सही मायनों में मुलाकात मुझे DAN BROWN की इस किताब ANGELS & DEMONS से हुई, जो मेरे उपन्यास की पढ़ाई के मामले में, मेरी ज़िन्दगी का पहला इंग्लिश नोवेल है!!
__Robert Langdon एक भयानक सपने से जागता है, अभी सुबह नहीं हुई है! तभी उसे एक फोन आता है! फोन कर्ता रहस्यमय तरीके से बात करता है! बातचीत के दरम्यान वह Robert Langdon को अपना नाम Maximillian Kohler बताता है, कहता है कि वह एक 'particle physicist' है! और उसे आमंत्रित करता है, तुरंत! अभी! इसी वक़्त! वो उसके लिए प्लेन Boston Airport पर भेज भी चुका है, जो उसे एक घंटे में उसके गंतव्य तक पहुंचा देगा! Robert Langdon के इनकार, और ऐतराज़ पर वह उसे एक FAX भेजता है जो एक लाश की फोटो है! Robert Langdon को फोटो ने जितना नहीं चौंकाया, उससे कहीं ज्यादा उसे उस "प्रतीक" SYMBOL ने चौंकाया!! लाश एक बुजुर्ग की थी जिसकी छाती पर 'मुहर' दाग कर एक SYMBOL बनाया गया था! वह सिंबल था "- Illuminati -!" रोबर्ट लैंगडन सिहर उठता है! वह उस प्रतीक और उसके भयानक इतिहास से परिचित था! उसकी जिज्ञासा बढ़ जाती है! वह और सवाल पूछता है तो Kohler उसे it's URGENT; कह शीघ्र आने को कहता है कि शेष बातें 'वहीं' होंगी! Robert Langdon उस रहस्यमय यात्रा पर उतनी सुबह ही रवाना हो जाता है! जो प्लेन उसके लिए भेजा गया है वैसा उसने कभी नहीं देखा था!!...यह उड़ता भी है!? प्लेन उसे ले उड़ता है; प्लेन का पायलट उसे प्लेन के बारे में और गंतव्य स्थल के बारे में जानकारी देता है: `Just relax, We'll be there in an hour.`
`And where exactly is "there"? Langdon asked, realizing he had no idea where he was headed.
`Geneva,` the pilot replied, revving the engines. `The lab's in Geneva.`
`Geneva,` Langdon repeated, feeling a little better.
`Upstate New York. I've actually got family near Seneca Lake. I wasn't aware Geneva had a Physics lab,`
The pilot laughed. `Not Geneva, New York, Mr. Langdon, Geneva, Switzerland.`
`Switzerland?` Langdon felt his pulse surge, `I thought you said the lab was only an hour away!'
`It is, Mr. Lagdon.` The pilot chuckled. `This plane goes Mach fifteen.` .............. इसी तरह मित्रों मेरी भी नब्ज़ और धड़कन बेकाबू थी!
इन बातों से परे, दूर कहीं एक भयानक षड्यंत्र रचा जा चुका है! षड्यंत्र रचयिता को killer एक यंत्र सौंपता है! षड्यंत्र रचयिता killer को अपना नाम "Janus" बताता है! और उसे आगे के कामों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित करता है! और killer जो -अपने पुरखों की तरह- हशीश का प्रयोग करता है Hassassin से Assasin बना अपने काम पर निकल पड़ता है!
रोबर्ट लैंगडन जिनेवा में Maximillian Kohler, से मिलता है, जो अपाहिज है, एक अत्याधुनिक व्हील-चेयर का मोहताज़, बीमार व्यक्ति है और जो -CERN- (The European Organization for Nuclear Research) का Director general है, के लैब पहुँचता है और हर वक़्त उसके आश्चर्यों में इजाफा होता जाता है! जहाँ एक _"चोरी"_ हो चुकी है! लैंगडन बुजुर्ग वैज्ञानिक Leonardo Vetra की नंगी लाश को देखता है जिसकी छाती पर (Ambigram की तरह का) एक _Illuminati_ लिखी मुहर दागी गई थी! इसी प्रतीक की वजह से, चूँकि रोबर्ट लैंगडन एक प्रतीकशास्त्री है, Maximillian Kohler ने मामले को समझने के लिए उसे अर्जेंट बुलाया था! वह ऐसी symmetrical आकृति है जिसे ऊपर-नीचे दोनों तरफ से सामान रूप से पढ़ा जा सकता है! `Look at his face,`Kohller said.
Look at his face? Langdon frowned. I thought you said something was stolen.
Hesitantly, Langdon knelt down. He tried to see Vetra's face, but the head was twisted 180 degrees backward, his face pressed into the carpet.
Struggling against his handicap Kohller reached down and carefully twisted Vetra's frozen head. Cracking loudly, the corpse's face rotated into view, contorted in agony. Kohller held it there for a moment.
`Sweet jesus!`Langdon cried, stumbling back in horror.Vetra's face was covered in blood. A single hazel eye stared liflessly back at him. The other socket was tattered and empty. `They stole his eye?`...........! तब रोबर्ट लैंगडन, Maximillian Kohler को Illuminati का पौराणिक इतिहास बताता है, और इस आकृति की वर्तमान में मौजूदगी पर हैरान होता है! Maximillian Kohler, रोबर्ट लैंगडन को CERN की सैर करता है, और बताता है कि Leonardo Vetra एक गोपनीय, अति-महत्वपूर्ण प्रयोग पर काम कर रहा था! इन्हीं बातों के दरम्यान Leonardo Vetra की बेटी Vittoria Vetra का आगमन होता है, जो अपने पिता की तरह ही पार्टिकल फिजिक्स की वैज्ञानिक है, जिसे अपने पिता की म्रत्यु का समाचार मिल चूका है। Maximillian Kohler, रोबर्ट लैंगडन से उसका परिचय करता है। और पूछता है कि पिता-पुत्री किस इजाद (प्रयोग) पर कार्यरत थे! तब कुछ बहस के बाद कि पुलिस को सूचना क्यों न दी गई? ...के बाद Vittoria उन्हें LHC (The Large Hadron Collider) दिखाती है। लैब से LHC की सैर किसी तिलस्म से कम नहीं! LHC की जानकारी रोबर्ट लैंगडन को विस्मित करती है! LHC की प्रयोगात्मक पाइपलाइन जमीन के काफी नीचे 28KM व्यास की है जिसमे पार्टिकलस की टक्कर में उर्जा के साथ antimatter भी बनता है जिसे उसी समय स्टोर करना जरूरी होता है! Vittoria विस्तार से अपने प्रयोग की चर्चा करती है और बताती है कि इस प्रयोग के दरम्यान उसके पिता ने उसकी मदद से हासिल "antimatter" को 'store' जमा कर के सुरक्षित रख लिया है! Antimatter के वजूद से जहाँ रोबर्ट लैंगडन को ताज्जुब होता है वहीँ Maximillian Kohler भी सन्न हो जाता है! Maximillian Kohler को कुछ शंका होती है, वह Vittoriya को कहता है वो उन्हें stored "antimatter" दिखाए! LHC जमीन से छः मंजिल नीचे स्थित है! वे एक लिफ्ट द्वारा नीचे जाते हैं! तब..., वहां हैरतंगेज़ खुलासा होता है कि Leonard Vetra की आँख क्यूँ "चुराई" गई थी! और antimatter : (जैसा Vittoria बताती है : It is the energy source of tomorrow. A thousand times more powerful than nuclear energy!)जिसके एक अत्यंत-अत्यंत ही सूक्ष्म कण(5000 nanograms, visible amount!) को दिखाती है perfectly visible to a naked eye, जो एक ख़ास किस्म के specilally designed "canister" में suspended _लटका हुआ है! जिसे एक ख़ास किस्म के Scope द्वारा ही देखा जा सकता है! Vittoria उस कण के 500 nanograms कण को एक सुरक्षित चैम्बर में प्रयोग कर दिखाती है कि वह कितना घातक है!! धमाके की रौशनी (Like an Annihilation!) से सबकी (अइअइयो, मेरी भी!) आँखें चुंधिया जातीं हैं! `G....God!` जबकि उसके पिता द्वारा जमा किया हुआ, This was a droplet the size of a BB. A full quarter of a gram!....that converts to.....almost five kilotons! that much antimatter could literally liquidate everything in a half mile radius! _अलग, उस फ्लोर से भी और नीचे एक ख़ास स्टोरेज canister में रखा (a quarter of a gram Antimatter) था! और जहाँ जिस चैम्बर में यह Antimatter की मात्रा को रखा गया था उसके प्रवेश द्वार को खोलने के लिए *_रेटिना स्कैन_* जरूरी था,..... तभी वहां गिरा पड़ा खून में लिथड़ा हुआ एक eyeball मिलता है! तब सबकी समझ में आता है कि क्यों Leonardo Vetra की आँख निकल ली गई थी! तब Vittoria खुद की आँख के स्कैन से दरवाजा खोल कर अन्दर जाती है तो ....वह स्टोर्ड Antimatter अपने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक स्थान से डिस्कनेक्टेड, "_बैटरी-युक्त Canister सहित_" गायब था! ...उसकी बैटरी 24घंटे तक ही कनस्तर के मैकेनिज्म को पॉवर देने में सक्षम थी, उसके बाद ....जैसे ही बैटरी ख़त्म हुई कि antimatter ___MATTER के सम्पर्क में आएगा,...और महाविनाश! ...हडकंप मच जाता है!
.........इस बीच CERN, Geneva से दूर, कहीं ज्यादा दूर एक सिक्यूरिटी स्टाफ को अपने टीवी स्क्रीन्स से भरे कमरे में एक स्क्रीन पर एक अजीबोगरीब यंत्र दिख रहा है जिसकी बैटरी में काउंट डाउन हो रहा है, जिस सिक्यूरिटी कैमरा Camera #86 से वह इमेज आ रहा है वह कैमरा अपने निर्धारित जगह से गायब है! किसी ने जान-बूझकर ऐसा किया है! टीवी पर चमकता यंत्र साफ़-साफ़ किसी अनहोनी की धमकी दे रहा है .........
.........इधर CERN में सेक्रेटरी Sylvie घबराई हुई-सी Maximillian Kohler, के सुबह के आदेशानुसार Leonardo Vetra को ढूंढ रही है! उसने Leonardo Vetra को "पेज" किया, FAX किया, कॉल लगाया, अर्जेंट मेल भेजी लेकिन कोई जबाब नहीं आ रहा! इसलिए वह खुद उन्हें ढूँढने निकल पड़ी है और लैब में भटक रही है! Maximillian Kohler चूँकि एक बीमार व्यक्ति हैं अतः उन्हें नियत समय पर सुई-दवाई की याद कराना भी Sylvie का काम है, पर डायरेक्टर साहब नदारद हैं! ओपरेटर ने सूचना दी कि Maximillian Kohler के लिए एक इमरजेंसी कॉल है, और 'फोन कालर' की जानकारी मिलने पर उसकी घबराहट और बढ़ गई! अतः एक पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर अब यह मेसेज गूँज रहा है : `Maximillian Kohller, Kindly call your office immediately.` तब तक (पाताल लोक!! से) सतह पर आ चुके Maximillian Kohler को वह सन्देश सुनाई देता है और उसकी व्हील-चेयर पर फिक्स सभी यंत्रों में अचानक 'जान' आ जाती है! वह कॉल रिसीव करता है! कॉल सुनते ही Kohler बेचैन और बहुत व्यग्र हो जाता है :`It would be unwise,` Kohller finally said. `to speak of this by phone. I will be there immediately.` he was coughing again. `Meet me .....at Leonardo da Vinci Airport. Forty minuts.` ....और Kohler की तबियत बिगड़ने लगती है!.............`I am coming.` Then he clicked off his phone. ...... अत्यधिक तबियत बिगड़ने के कारण Kohler को ऑक्सीजन मास्क लगाया जाता है; उसे इलाज़ के लिए ले जाया जा रहा होता है तब Kohler, रोबर्ट लैंगडन और विटोरिया वेट्रा को कहता है "ROME रोम",.. "The Swiss...", ...`Go....`, ........`Go.......,` .........`Call me .......` यहाँ तक की सांस फुला देने वाली कहानी के बाद हमारी 'रोम' _वैटकन सिटी; Vatican City, the smallest country in the world._ की यात्रा प्रारंभ होती है!
आगे की कहानी ये है कि पोप की मृत्यु हो जाने के कारण नए पोप के चुनाव -II conclave! The Vatican Conclave-के लिए दुनिया भर से चुने हुए कार्डिनल्स आये हैं! वैटकन सिटी के पहरेदार जो स्विस गार्ड कहलाते हैं के प्रमुख Commander Olivetti को चिंता जनक समाचार मिले हैं! सिक्यूरिटी से किसी घातक यंत्र (बम) की सूचना दी है, जिसकी 'घडी में अब सिर्फ छः घंटे बचे हैं!! ...और सबसे दहलाने वाली खबर कि पोप के पद के लिए चुने गए चार उपयुक्त the chosen four कार्डिनल्स the preferitti गायब हैं! जबकि सिस्टीन चैपेल में कॉन्क्लेव बस शुरू होने ही वाला है!! रोबर्ट लैंगडन और विटोरिया वेट्रा की मुलाकात Commander Olivetti से होती है और विटोरिया उसे animatter के बारे में बतलाती है और वे आग्रह करते हैं की Canister की खोज होने और उसकी बैटरी बदल देने के दरम्यान वैटकन सिटी को खाली करवा दिया जाय! या `At least postpone the event.` की गुजारिश करते हैं! जिसे खिल्ली उड़ाते हुए नकार दिया जाता है! तब रोबर्ट लैंगडन "Chamberlain" Carlo Ventresca से मिलने की गुजारिश करता है; जो स्वर्वासी पोप के "hand servant" हैं! और जो नए पोप के चुनाव होने तक महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं! Chamberlain Carlo Ventresca से मुलाकात बड़ी जद्दोजहद के बाद होती है, वहीँ Hassassin का फोन आता है जो दावा करता है : `I am a messenger of the Illuminati.`
`What do you want?`
`I represent the men of science......, यूँ हुई बात में उसका कोई मकसद स्पष्ट नहीं होता! उसे धन नहीं चाहिए! उसे कुछ नहीं चाहिए! वह सिर्फ तबाही चाहता है! _क्यों? वो ठहाके लगता है! पर उसके खतरनाक इरादे ज़ाहिर हो चुके हैं! वह "विज्ञान की चार बेदियों पर(on the four alters of science!)" -चर्चों के भीतर- उन चारों कार्डिनल्स की "-मुहर दाग कर"- पब्लिक और मीडिया के सामने उनकी हत्या करेगा ताकि विज्ञान की धर्म पर विजय हो! वह वैटिकन सिटी का विनाश चाहता है! उसकी धमकी है कि चारों गायब कार्डिनल्स उसके कब्जे में हैं और आज रात के ठीक 12 बजे जबकि antimatter तबाही लायेगा वह बारह बजने तक उससे पहले हर घंटे एक पादरी को क़त्ल करता जाएगा ...., यहाँ अब सिर्फ रोबर्ट लैंगडन ही है जो उसकी बातें, और इतिहास और प्रतीकों की सहायता से इस विनाश को रोक सकता है!......रोबर्ट लैंगडन यह चुनौती स्वीकार तो नहीं करता पर वह निर्दोषों को मरने देना भी नहीं चाहता! वह Hassassin से हुई बात और प्रतीकों का पीछा करते हुए कातिल के पीछे पड़ जाता है। यहाँ विटोरिया हर क़दम पर उसके साथ है! रोबर्ट लैंगडन को सिर्फ एक सूत्र मिला है वो है विज्ञानं की चार वेदियाँ = 1.EARTH, 2.AIR, 3.FIRE, 4.WATER ..... फिर क्या होता है? क्या सचमुच में यह बे-मकसद का पागलपन था? अगर षड्यंत्र था तो कौन था वह रहस्यमय Janus जो Hassassin को इस कत्लोगारत का और वैटिकन सिटी के विनाश का काम सौंपता है!? _क्यों? क्या Illuminati फिर से वजूद में आ गए हैं!? पूरी धरती से सारी मीडिया और श्रद्धलुओं की भीड़ है! सबकी जान खतरे में है ... तबाही और मौत अब सिर्फ पांच घंटे दूर है!!
बंधुओं आइये और रोबर्ट लैंगडन के साथ प्रतीकों के पीछे एक ऐसी दुनिया में चलिए जिसके ताले कभी नहीं खुले हैं! उन तालों को खोलना है! कैमरा #86 कहाँ है? जहाँ कैमरा है वहीँ Antimatter वाला canister भी है! इसके लिए पढ़िए DAN BROWN की लिखी किताब ANGELS & DEMONS !
1.EARTH, 2.AIR, 3.FIRE, 4.WATER इनके AMBIGRAM मुहर को देख कर इसके बनाने वाले "_कारीगर_" को सलाम करने को जी चाहता है! सलाम John Langdon साहब! पांचवां प्रतीक The Illuminati Diamond का है जो उपन्यास में तो दिखाया गया है, लेकिन फिल्म में गायब है! इस नोवेल को पढने के बाद मैंने इसकी मूवी को ढूंढना शरू किया, जो मुझे 2010 में मई के महीने में मिली! जब इसे देखा तो बड़ी कोफ़्त हुई! उपन्यास के कथानक को फिल्म में जिस तरह पेश किया गया है; वह उपन्यास के समान धड़कन बढ़ने वाली, सांस अटकाने वाली, और खून जमा देने वाली बिलकुल नहीं है; जबकि उपन्यास शर्तिया है!! पात्रों के नाम उपन्यास के अनुसार नहीं हैं! फिल्म में Maximillian Kohler नदारद है! जिसकी उपन्यास के कथानक में क्लाइमेक्स के वक़्त "पुनःप्रवेश" चौंकाने वाला है! जिसकी कथानक के कई रहस्यों से पर्दा उठाने में बहुत बड़ा, _सबसे बड़ा योगदान है! जिसकी Re-entry में यह सवाल निहित है कि कहीं सभी षड्यंत्रों के पीछे उसी का हाथ तो नहीं!? वो "Janus" को कब-क्यूँ-कहाँ और कैसे जानता है!!?? 'Anitmatter' - जिसका इस्तेमाल इस उपन्यास में गलत हाथों में पड़ने की वजह से घातक है; क्या वो वह विध्वंश मचा पाता है, जिसके लिए उसे वैटकन सिटी में ही कहीं छिपाया गया है!? उपन्यास में Hassassin के द्वारा Vittoria Vetra का अपहरण होता है, जिसे ढूंढते हुए Robert Langdon उस स्थान पर पहुँच जाता है जहां Vittoria क़ैद है! वहाँ Robert Langdon और Vittoria मिलकर Hassassin से लड़ते हैं! ...क्या होता है!? स्वर्गवासी पोप की मृत्यु क्या स्वाभाविक थी या उसी षड्यंत्र की शुरुआत का हिस्सा,...हत्या!!?? सबसे बड़ा सवाल : इतने बड़े घटनाक्रम का आखिर उद्देश्य क्या था? इन सभी उत्तर को जानने के लिए इस नायब नोवेल को कम से कम एक बार पढना तो बनता ही है। अतः इस उपन्यास को अवश्य पढ़िए! CERN की जानकारी बस इतनी ही दी गई है जितनी कि इसके निर्माता को फिल्माने की इज़ाज़त मिली होगी! वो भी पता नहीं असली है कि नकली! इसीलिए; Maximillian Kohler, इस पात्र से ज्यादा ही मुतासिर होने के कारण मैंने ऊपर CERN की चर्चा की, लेकिन उतनी नहीं, उस तरीके से नहीं, _जितना और जिस तरीके से श्रीमान DAN DROWN ने किया है! भले फिल्म मत देखिये पर यह नेवेल पढ़िए जरूर! और अपने अनुभव हमसे शेयर कीजिये! दोस्तों यदि आप रहस्य-रोमांच की दुनिया में मजे को ढूंढते हैं तो आपको एक पड़ाव इस नेवेल के माध्यम से मिलता है! इस उपन्यास का क्लाइमेक्स आपको भाव-विभोर करेगा, चमत्कृत करेगा और आप अपने धड़कन को सम्भालने की मेहनत करते हुए चौंकते जायेंगे, चौंकते ही जायेंगे!!
सदर नमस्कार।
_श्री .
कोलकाता! सन 2009! तारिख याद नहीं, पर अगस्त का महीना-(सावन का महीना)-है! मैं मेरे बेटे प्रीतीश के साथ कोलकाता आया हुआ हूँ! प्रीतीश की B.Tech में दाखिले की काउन्सलिंग 'साल्ट-लेक स्टेडियम' में हो चुकी है! हम कोलकाता; प्रफुल्ल कानन रोड स्थित(केश्टोपुर) मेरे भांजे सौरभ के घर(फ्लैट) पर वापसी की पैकिंग कर रहे हैं! आज रात 10:20PM पर हमारी वापसी की गाड़ी का समय है! समय 07:30PM के करीब हैं, और कोलकाता स्टेशन ...बहुत दूर है! हम हड़बड़ी में हैं! सौरभ अपने (TCS)-OFFICE से रात 10PM से पहले नहीं लौट पाता, सो हमने तयशुदा बात के मुताबिक चाबी दरवान के सुपुर्द की सौरभ से मोबाइल पर बात हुई, और बिना कुछ खाय-पीये हम पिता-पुत्र स्टेशन के लिए निकल पड़े! स्टेशन पहुँचते-पहुँचते 09:30 बज गए! स्टेशन पर हमने कुछ खाया और अपनी ट्रेन के लिए निर्धारित प्लेटफार्म नंबर 22/23 पर, हाँफते-हाँफते, पहुंचे! प्लेटफार्म पर जो -धीमी-सी- चहल-पहल थी उससे हमें आभास हुआ कि कोई गड़बड़ है! पता करने पर मालुम हुआ कि ट्रेन छः घंटे लेट है, रात एक बजे तक आवेगी! '..........!' मन बहलाने के लिए हम प्लेटफार्म पर घूमने लगे और मेरी आदत के मुताबिक हम एक बुकस्टाल पर जाकर किताबें ताड़ने लगे! मुझे एक मिल गया, ...नहीं दो मिल गए! मैंने दाम चुकाय और एक खाली जगह देखकर बैठा और टाइम-पास शुरू! बहुत पहले का "पढ़ा हुआ" (श्री वेदप्रकाश शर्मा जी का) 'बहु मांगे इन्साफ' फिर नए सिरे से मैंने पढना शुरू किया! अचानक जिम्मी(प्रीतीश) ने मुझे झंझोड़ा! '_हाँ! क्या है? _'इधर आइये ना!" _'काहे?' _दत्त, आइये तो!' मैं मन ही मन कुढ़ते उसके पीछे चला, तो वो मुझे एक बुकस्टाल-सी ट्रॉली के पास ले गया, और उसके डिस्प्ले पर मुझे देखने को कहा! मैंने पूछा_ 'हाँ! क्या देखूं?' तो उसने एक किताब को ऊँगली से छुआ और बोला कि वह किताब वो खरीदना चाहता है! मैंने कीमत पूछी तो दाम सुनकर मैं बिदक गया! तब जिम्मी ने मेरी मनुहार शुरू की '..."दी डा विन्ची कोड" फिल्म आपने देखी है न?' '...हाँ!', '..ये उसी फिल्म के लेखक DAN BROWN की किताब है, "दी डा विन्ची कोड" इन्हीं के बुक पर आधारित थी, और ये उसी लेखक की नयी किताब है "ANGELS & DEMONS !"; इस पर भी मूवी बन चुकी है; बस रिलीज़ होने ही वाली है!' '...तो?' '...म्म-च्छ:; मुझे लेना है!' '...तो? '...दे..त`_पापा!' '...!' _वह किताब खरीदी गई! और जब तक ट्रेन न आई जिम्मी ने मुझे मेरी किताब को अलग रखवा कर उस नई -अंग्रेजी- किताब को पढने को कहने लगा! मैंने कहा:"-दुर्र, हमरा बुझैतई? _'आप पढ़िए तो, कोई एग्जाम थोड़े ही देना है, जैसे हिंदी को पढ़ते हैं, उसी तरह ये भी हैं!' _मैंने शंकालु भाव से उसके पन्ने पलटे, उलट-पलट कर देखा, और बेटे को खुश करने के लिए उसी की सुझाई एक पृष्ठ को पढने लगा लिखा था : -PROLOGUE-
Physicist Leonardo Vetra smelled burning flesh, and he knew it was his own. He stared up in terror at the dark figure looming over him, `What do you want!`
`La chiave,` the raspy voice replied. `The password.`
`But... I don't___'
The intruder pressed down again, grinding the white hot object deeper into Vetra's chest. There was a hiss of broiling flesh.
Vetra cried out in agony. `There is no password!` He felt himself drifting toward unconsciousness.
The figure glared. `Ne avevo paura. I was afraid of that.`
Vetra fought to keep his senses, but the darkness was in. His only solace was in knowing his attacker would never obtain what he had come for. A moment later, however, the figure produced a blade and brought it to Vetra's face. The blade hovered. Carefully. Surjically.
`For the love of God!` Vetra screamed. But it was too late. ज्यादा कुछ समझ में नहीं आया फिर भी जो आया उसके मुताबिक>>
दोस्तों, इतना पढने के बाद, हम जैसे 'रहस्य-रोमांच के रसिक पाठकों' को जो रोमांच होता है, और जो जिज्ञासा का तूफ़ान जोर मारता है, उसकी मार मैं न झेल सका! मैंने इस -अंग्रेजी- की किताब में तुरंत डुबकी मार दी, लेकिन प्रीतिश ने मुझसे जबरन खींच निकला: '-लाइए, दीजिये!' _'काहे? _'मुझे पढना है!' मैंने उसे दूसरी किताब थमाई:_'जाओ, खेलो!' _'ओहोह:, ... इस तरह हम पिता-पुत्र में प्यारी नोंक-झोंक होने लगी! मैंने प्रीतिश को वो किताब दे तो दी, लेकिन अब मेरा जी नहीं लग रहा था! हमारी ट्रेन आने तक मैंने उससे छीना-झपटी कर के कई बार उसे पढना चाहा, लेकिन बेटे ने कहा कि वो घर पहुँचते तक उसे पूरी पढ़ लेगा, तब मुझे दे देगा! मैंने बात मान तो ली, लेकिन सारे सफ़र में मुझे -हॉलीवुडियन- सपने आते रहे! आखिरकार जब यह किताब पूर्णतः मेरे काबू में आ गई, और (अंग्रेजी का कम ज्ञान होने के कारण) बड़ी मेहनत से, लेकिन खूब रूचि लेकर जब मैंने इस उपन्यास ANGELS & DEMONS को पढना शुरू किया तो एक नए अनुभव की स्फुरण और कहानी के प्रवाह की जादुई पकड़ में जकड़ा मैं इसे पढता गया, पढता ही गया! यूँ 7-8 दिनों में जब मैंने इसे पूरा किया तब मैंने अपने में कुछ तबदीली महसूस की! '_मुझे किसी और किताब में अब मन नहीं लग रहा था! फिर मुझे याद आया कि प्रीतिश ने कहा था कि इस किताब पर मूवी बन चुकी है!! मैंने इस मूवी को ढूंढना शुरू किया, नहीं मिला। तब मैंने DAN BROWN पर ध्यान केन्द्रित किया। 'इन्होने और भी तो किताबें लिखी होंगी!?' जरूर!! मैंने ढूँढा तो DAN BROWN की और 4 (चार) किताबें मिलीं! जिन्हें मैंने पढ़ा!
लेकिन अभी ANGELS & DEMONS की ही बात करूँगा! चूँकि मैं फिल्म:"दी डा विन्ची कोड" देख चूका था अतः हार्वर्ड युनिवेर्सिटी के प्रोफ़ेसर, Symbologist, Mr. Robert Langdon (HOLLYWOOD Star TOM HANKS) से परिचित था, लेकिन उतना ही जितना फिल्म में चित्रित था! Robert Langdon से सही मायनों में मुलाकात मुझे DAN BROWN की इस किताब ANGELS & DEMONS से हुई, जो मेरे उपन्यास की पढ़ाई के मामले में, मेरी ज़िन्दगी का पहला इंग्लिश नोवेल है!!
__Robert Langdon एक भयानक सपने से जागता है, अभी सुबह नहीं हुई है! तभी उसे एक फोन आता है! फोन कर्ता रहस्यमय तरीके से बात करता है! बातचीत के दरम्यान वह Robert Langdon को अपना नाम Maximillian Kohler बताता है, कहता है कि वह एक 'particle physicist' है! और उसे आमंत्रित करता है, तुरंत! अभी! इसी वक़्त! वो उसके लिए प्लेन Boston Airport पर भेज भी चुका है, जो उसे एक घंटे में उसके गंतव्य तक पहुंचा देगा! Robert Langdon के इनकार, और ऐतराज़ पर वह उसे एक FAX भेजता है जो एक लाश की फोटो है! Robert Langdon को फोटो ने जितना नहीं चौंकाया, उससे कहीं ज्यादा उसे उस "प्रतीक" SYMBOL ने चौंकाया!! लाश एक बुजुर्ग की थी जिसकी छाती पर 'मुहर' दाग कर एक SYMBOL बनाया गया था! वह सिंबल था "- Illuminati -!" रोबर्ट लैंगडन सिहर उठता है! वह उस प्रतीक और उसके भयानक इतिहास से परिचित था! उसकी जिज्ञासा बढ़ जाती है! वह और सवाल पूछता है तो Kohler उसे it's URGENT; कह शीघ्र आने को कहता है कि शेष बातें 'वहीं' होंगी! Robert Langdon उस रहस्यमय यात्रा पर उतनी सुबह ही रवाना हो जाता है! जो प्लेन उसके लिए भेजा गया है वैसा उसने कभी नहीं देखा था!!...यह उड़ता भी है!? प्लेन उसे ले उड़ता है; प्लेन का पायलट उसे प्लेन के बारे में और गंतव्य स्थल के बारे में जानकारी देता है: `Just relax, We'll be there in an hour.`
`And where exactly is "there"? Langdon asked, realizing he had no idea where he was headed.
`Geneva,` the pilot replied, revving the engines. `The lab's in Geneva.`
`Geneva,` Langdon repeated, feeling a little better.
`Upstate New York. I've actually got family near Seneca Lake. I wasn't aware Geneva had a Physics lab,`
The pilot laughed. `Not Geneva, New York, Mr. Langdon, Geneva, Switzerland.`
`Switzerland?` Langdon felt his pulse surge, `I thought you said the lab was only an hour away!'
`It is, Mr. Lagdon.` The pilot chuckled. `This plane goes Mach fifteen.` .............. इसी तरह मित्रों मेरी भी नब्ज़ और धड़कन बेकाबू थी!
इन बातों से परे, दूर कहीं एक भयानक षड्यंत्र रचा जा चुका है! षड्यंत्र रचयिता को killer एक यंत्र सौंपता है! षड्यंत्र रचयिता killer को अपना नाम "Janus" बताता है! और उसे आगे के कामों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित करता है! और killer जो -अपने पुरखों की तरह- हशीश का प्रयोग करता है Hassassin से Assasin बना अपने काम पर निकल पड़ता है!
रोबर्ट लैंगडन जिनेवा में Maximillian Kohler, से मिलता है, जो अपाहिज है, एक अत्याधुनिक व्हील-चेयर का मोहताज़, बीमार व्यक्ति है और जो -CERN- (The European Organization for Nuclear Research) का Director general है, के लैब पहुँचता है और हर वक़्त उसके आश्चर्यों में इजाफा होता जाता है! जहाँ एक _"चोरी"_ हो चुकी है! लैंगडन बुजुर्ग वैज्ञानिक Leonardo Vetra की नंगी लाश को देखता है जिसकी छाती पर (Ambigram की तरह का) एक _Illuminati_ लिखी मुहर दागी गई थी! इसी प्रतीक की वजह से, चूँकि रोबर्ट लैंगडन एक प्रतीकशास्त्री है, Maximillian Kohler ने मामले को समझने के लिए उसे अर्जेंट बुलाया था! वह ऐसी symmetrical आकृति है जिसे ऊपर-नीचे दोनों तरफ से सामान रूप से पढ़ा जा सकता है! `Look at his face,`Kohller said.
Look at his face? Langdon frowned. I thought you said something was stolen.
Hesitantly, Langdon knelt down. He tried to see Vetra's face, but the head was twisted 180 degrees backward, his face pressed into the carpet.
Struggling against his handicap Kohller reached down and carefully twisted Vetra's frozen head. Cracking loudly, the corpse's face rotated into view, contorted in agony. Kohller held it there for a moment.
`Sweet jesus!`Langdon cried, stumbling back in horror.Vetra's face was covered in blood. A single hazel eye stared liflessly back at him. The other socket was tattered and empty. `They stole his eye?`...........! तब रोबर्ट लैंगडन, Maximillian Kohler को Illuminati का पौराणिक इतिहास बताता है, और इस आकृति की वर्तमान में मौजूदगी पर हैरान होता है! Maximillian Kohler, रोबर्ट लैंगडन को CERN की सैर करता है, और बताता है कि Leonardo Vetra एक गोपनीय, अति-महत्वपूर्ण प्रयोग पर काम कर रहा था! इन्हीं बातों के दरम्यान Leonardo Vetra की बेटी Vittoria Vetra का आगमन होता है, जो अपने पिता की तरह ही पार्टिकल फिजिक्स की वैज्ञानिक है, जिसे अपने पिता की म्रत्यु का समाचार मिल चूका है। Maximillian Kohler, रोबर्ट लैंगडन से उसका परिचय करता है। और पूछता है कि पिता-पुत्री किस इजाद (प्रयोग) पर कार्यरत थे! तब कुछ बहस के बाद कि पुलिस को सूचना क्यों न दी गई? ...के बाद Vittoria उन्हें LHC (The Large Hadron Collider) दिखाती है। लैब से LHC की सैर किसी तिलस्म से कम नहीं! LHC की जानकारी रोबर्ट लैंगडन को विस्मित करती है! LHC की प्रयोगात्मक पाइपलाइन जमीन के काफी नीचे 28KM व्यास की है जिसमे पार्टिकलस की टक्कर में उर्जा के साथ antimatter भी बनता है जिसे उसी समय स्टोर करना जरूरी होता है! Vittoria विस्तार से अपने प्रयोग की चर्चा करती है और बताती है कि इस प्रयोग के दरम्यान उसके पिता ने उसकी मदद से हासिल "antimatter" को 'store' जमा कर के सुरक्षित रख लिया है! Antimatter के वजूद से जहाँ रोबर्ट लैंगडन को ताज्जुब होता है वहीँ Maximillian Kohler भी सन्न हो जाता है! Maximillian Kohler को कुछ शंका होती है, वह Vittoriya को कहता है वो उन्हें stored "antimatter" दिखाए! LHC जमीन से छः मंजिल नीचे स्थित है! वे एक लिफ्ट द्वारा नीचे जाते हैं! तब..., वहां हैरतंगेज़ खुलासा होता है कि Leonard Vetra की आँख क्यूँ "चुराई" गई थी! और antimatter : (जैसा Vittoria बताती है : It is the energy source of tomorrow. A thousand times more powerful than nuclear energy!)जिसके एक अत्यंत-अत्यंत ही सूक्ष्म कण(5000 nanograms, visible amount!) को दिखाती है perfectly visible to a naked eye, जो एक ख़ास किस्म के specilally designed "canister" में suspended _लटका हुआ है! जिसे एक ख़ास किस्म के Scope द्वारा ही देखा जा सकता है! Vittoria उस कण के 500 nanograms कण को एक सुरक्षित चैम्बर में प्रयोग कर दिखाती है कि वह कितना घातक है!! धमाके की रौशनी (Like an Annihilation!) से सबकी (अइअइयो, मेरी भी!) आँखें चुंधिया जातीं हैं! `G....God!` जबकि उसके पिता द्वारा जमा किया हुआ, This was a droplet the size of a BB. A full quarter of a gram!....that converts to.....almost five kilotons! that much antimatter could literally liquidate everything in a half mile radius! _अलग, उस फ्लोर से भी और नीचे एक ख़ास स्टोरेज canister में रखा (a quarter of a gram Antimatter) था! और जहाँ जिस चैम्बर में यह Antimatter की मात्रा को रखा गया था उसके प्रवेश द्वार को खोलने के लिए *_रेटिना स्कैन_* जरूरी था,..... तभी वहां गिरा पड़ा खून में लिथड़ा हुआ एक eyeball मिलता है! तब सबकी समझ में आता है कि क्यों Leonardo Vetra की आँख निकल ली गई थी! तब Vittoria खुद की आँख के स्कैन से दरवाजा खोल कर अन्दर जाती है तो ....वह स्टोर्ड Antimatter अपने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक स्थान से डिस्कनेक्टेड, "_बैटरी-युक्त Canister सहित_" गायब था! ...उसकी बैटरी 24घंटे तक ही कनस्तर के मैकेनिज्म को पॉवर देने में सक्षम थी, उसके बाद ....जैसे ही बैटरी ख़त्म हुई कि antimatter ___MATTER के सम्पर्क में आएगा,...और महाविनाश! ...हडकंप मच जाता है!
.........इस बीच CERN, Geneva से दूर, कहीं ज्यादा दूर एक सिक्यूरिटी स्टाफ को अपने टीवी स्क्रीन्स से भरे कमरे में एक स्क्रीन पर एक अजीबोगरीब यंत्र दिख रहा है जिसकी बैटरी में काउंट डाउन हो रहा है, जिस सिक्यूरिटी कैमरा Camera #86 से वह इमेज आ रहा है वह कैमरा अपने निर्धारित जगह से गायब है! किसी ने जान-बूझकर ऐसा किया है! टीवी पर चमकता यंत्र साफ़-साफ़ किसी अनहोनी की धमकी दे रहा है .........
.........इधर CERN में सेक्रेटरी Sylvie घबराई हुई-सी Maximillian Kohler, के सुबह के आदेशानुसार Leonardo Vetra को ढूंढ रही है! उसने Leonardo Vetra को "पेज" किया, FAX किया, कॉल लगाया, अर्जेंट मेल भेजी लेकिन कोई जबाब नहीं आ रहा! इसलिए वह खुद उन्हें ढूँढने निकल पड़ी है और लैब में भटक रही है! Maximillian Kohler चूँकि एक बीमार व्यक्ति हैं अतः उन्हें नियत समय पर सुई-दवाई की याद कराना भी Sylvie का काम है, पर डायरेक्टर साहब नदारद हैं! ओपरेटर ने सूचना दी कि Maximillian Kohler के लिए एक इमरजेंसी कॉल है, और 'फोन कालर' की जानकारी मिलने पर उसकी घबराहट और बढ़ गई! अतः एक पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर अब यह मेसेज गूँज रहा है : `Maximillian Kohller, Kindly call your office immediately.` तब तक (पाताल लोक!! से) सतह पर आ चुके Maximillian Kohler को वह सन्देश सुनाई देता है और उसकी व्हील-चेयर पर फिक्स सभी यंत्रों में अचानक 'जान' आ जाती है! वह कॉल रिसीव करता है! कॉल सुनते ही Kohler बेचैन और बहुत व्यग्र हो जाता है :`It would be unwise,` Kohller finally said. `to speak of this by phone. I will be there immediately.` he was coughing again. `Meet me .....at Leonardo da Vinci Airport. Forty minuts.` ....और Kohler की तबियत बिगड़ने लगती है!.............`I am coming.` Then he clicked off his phone. ...... अत्यधिक तबियत बिगड़ने के कारण Kohler को ऑक्सीजन मास्क लगाया जाता है; उसे इलाज़ के लिए ले जाया जा रहा होता है तब Kohler, रोबर्ट लैंगडन और विटोरिया वेट्रा को कहता है "ROME रोम",.. "The Swiss...", ...`Go....`, ........`Go.......,` .........`Call me .......` यहाँ तक की सांस फुला देने वाली कहानी के बाद हमारी 'रोम' _वैटकन सिटी; Vatican City, the smallest country in the world._ की यात्रा प्रारंभ होती है!
आगे की कहानी ये है कि पोप की मृत्यु हो जाने के कारण नए पोप के चुनाव -II conclave! The Vatican Conclave-के लिए दुनिया भर से चुने हुए कार्डिनल्स आये हैं! वैटकन सिटी के पहरेदार जो स्विस गार्ड कहलाते हैं के प्रमुख Commander Olivetti को चिंता जनक समाचार मिले हैं! सिक्यूरिटी से किसी घातक यंत्र (बम) की सूचना दी है, जिसकी 'घडी में अब सिर्फ छः घंटे बचे हैं!! ...और सबसे दहलाने वाली खबर कि पोप के पद के लिए चुने गए चार उपयुक्त the chosen four कार्डिनल्स the preferitti गायब हैं! जबकि सिस्टीन चैपेल में कॉन्क्लेव बस शुरू होने ही वाला है!! रोबर्ट लैंगडन और विटोरिया वेट्रा की मुलाकात Commander Olivetti से होती है और विटोरिया उसे animatter के बारे में बतलाती है और वे आग्रह करते हैं की Canister की खोज होने और उसकी बैटरी बदल देने के दरम्यान वैटकन सिटी को खाली करवा दिया जाय! या `At least postpone the event.` की गुजारिश करते हैं! जिसे खिल्ली उड़ाते हुए नकार दिया जाता है! तब रोबर्ट लैंगडन "Chamberlain" Carlo Ventresca से मिलने की गुजारिश करता है; जो स्वर्वासी पोप के "hand servant" हैं! और जो नए पोप के चुनाव होने तक महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं! Chamberlain Carlo Ventresca से मुलाकात बड़ी जद्दोजहद के बाद होती है, वहीँ Hassassin का फोन आता है जो दावा करता है : `I am a messenger of the Illuminati.`
`What do you want?`
`I represent the men of science......, यूँ हुई बात में उसका कोई मकसद स्पष्ट नहीं होता! उसे धन नहीं चाहिए! उसे कुछ नहीं चाहिए! वह सिर्फ तबाही चाहता है! _क्यों? वो ठहाके लगता है! पर उसके खतरनाक इरादे ज़ाहिर हो चुके हैं! वह "विज्ञान की चार बेदियों पर(on the four alters of science!)" -चर्चों के भीतर- उन चारों कार्डिनल्स की "-मुहर दाग कर"- पब्लिक और मीडिया के सामने उनकी हत्या करेगा ताकि विज्ञान की धर्म पर विजय हो! वह वैटिकन सिटी का विनाश चाहता है! उसकी धमकी है कि चारों गायब कार्डिनल्स उसके कब्जे में हैं और आज रात के ठीक 12 बजे जबकि antimatter तबाही लायेगा वह बारह बजने तक उससे पहले हर घंटे एक पादरी को क़त्ल करता जाएगा ...., यहाँ अब सिर्फ रोबर्ट लैंगडन ही है जो उसकी बातें, और इतिहास और प्रतीकों की सहायता से इस विनाश को रोक सकता है!......रोबर्ट लैंगडन यह चुनौती स्वीकार तो नहीं करता पर वह निर्दोषों को मरने देना भी नहीं चाहता! वह Hassassin से हुई बात और प्रतीकों का पीछा करते हुए कातिल के पीछे पड़ जाता है। यहाँ विटोरिया हर क़दम पर उसके साथ है! रोबर्ट लैंगडन को सिर्फ एक सूत्र मिला है वो है विज्ञानं की चार वेदियाँ = 1.EARTH, 2.AIR, 3.FIRE, 4.WATER ..... फिर क्या होता है? क्या सचमुच में यह बे-मकसद का पागलपन था? अगर षड्यंत्र था तो कौन था वह रहस्यमय Janus जो Hassassin को इस कत्लोगारत का और वैटिकन सिटी के विनाश का काम सौंपता है!? _क्यों? क्या Illuminati फिर से वजूद में आ गए हैं!? पूरी धरती से सारी मीडिया और श्रद्धलुओं की भीड़ है! सबकी जान खतरे में है ... तबाही और मौत अब सिर्फ पांच घंटे दूर है!!
बंधुओं आइये और रोबर्ट लैंगडन के साथ प्रतीकों के पीछे एक ऐसी दुनिया में चलिए जिसके ताले कभी नहीं खुले हैं! उन तालों को खोलना है! कैमरा #86 कहाँ है? जहाँ कैमरा है वहीँ Antimatter वाला canister भी है! इसके लिए पढ़िए DAN BROWN की लिखी किताब ANGELS & DEMONS !
सदर नमस्कार।
_श्री .