{www.kavitakosh.org/dinkar)प्रस्तुत लिंक पर राष्ट्र कवि रामधारी सिंह 'दिनकर' जी द्वारा रचित लगभग सभी काव्य एवं अन्य रचनाये उपलब्ध हैं! इन्हें हिंदी में ही online पढ़ सकते हैं!
मेरे पास मेरे बाबूजी द्वारा पुराने जमाने में (मेरे जन्म से भी पहले) की खरीदी गयी 'दिनकर' जी की कालजयी कविता "रश्मिरथी" की जो (संलग्न फोटो) प्रति है, इसे मेरे बड़े जीजाजी {श्री शम्भुनाथ ओझा जी(76-yrs), जो बिहार के मुजफ्फरपुर में कॉलेज में जब पढ़ते थे, तब 'दिनकर' जी मुजफ्फरपुर के ही लंगट सिंह कॉलेज में हिंदी विभाग के हेड के रूप में कार्यरत थे, और कई सम्मेलनों में जीजाजी इनके व्यख्यान सुन चुके चुके हैं!} जब अपनी ओजस्वी वाणी में पाठ करते थे, तब इस काव्य रुपी कथा का रसास्वादन करने के लिए हम सभी बच्चे उनके इर्द-गिर्द इक्कट्ठे बैठकर, पूछ-पूछ कर काव्य सुनते थे, और जीजाजी बड़े गर्व से, और अनुराग से सुनाते थे।
"कर्ण" यह दुर्लभ कथा अवश्य पढ़िए!
_श्री .