SHIVA TRILOGY (PART 2) THE SECRET OF THE NAGAS के उस स्थान पर हूँ जहाँ राजा दिलीप के साम्राज्य 'स्वद्वीप' की राजधानी 'अयोध्या' से गंगा तट के किनारे बसे 'काशी' नगर की यात्रा बस शुरू होने ही वाली है। शिव ने राजकुमार भगीरथ की प्राण रक्षा की, जब उसका घोडा बेकाबू होकर बेतहाशा एक ऐसी खतरनाक चढ़ाई की तरफ भाग रहा है जिसके बाद उफनती सरयु नदी की ओर गहरी खाई है! ...भागीरथ, शिव का मित्र बन जाता है। ..... शिव ने पर्वतेश्वर को यात्रा की कमान और सभी जिम्मेवारियां सौंप दीं हैं! पर्वतेश्वर राजकुमारी आनंदमइ से पूछने आते हैं, यदि उनकी कोई ख़ास इच्छा हो! आनंदमइ पर्वतेश्वर से कहतीं हैं कि यात्रा के दरम्यान वो उस स्थान पर जाकर भगवान् श्रीराम की पूजा करना चाहतीं हैं जहाँ ऋषि विश्वामित्र ने उन्हें और भ्राता श्रीलक्ष्मण जी को अमोघ शष्त्रों की शिक्षा दे कर कई शष्त्र प्रदान किये थे; और जहाँ प्रभु श्रीराम ने ""ताड़का"" नामक राक्षषी का वध किया था! .....मित्रों यह स्थान, तड़का वध स्थल, अभी भी कायम है और यह बिहार राज्य के "बक्सर" []शहर में गंगा के किनारे है जहाँ रोजीना पूजा-अर्चना होती ही रहती है! मेरे बड़े मामा जी का बक्सर शहर में ही घर है और वे वहीँ सपरिवार निवास करते हैं! मेरी माँ वहां घूम आईं हैं! मुझे अभी यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है! लेकिन इस किताब में उस स्थान का वर्णन पढ़कर लोमहर्षक रोमांच हो रहा है ...! अमीश की "SHIVA TRILOGY" में पौराणिक भारतीय उपमहाद्वीप का जो नक्शा छपा गया है वह भी गहन अध्ययन योग्य है; जिसमे 'अयोध्या', 'काशी', और 'मगध' सरयु और गंगा नदी के संगम पर निकट ही एक त्रिकोण में पास-पास ही हैं ...!!
स्वीकारोक्ति : उपन्यास के उपरोक्त प्रसंग में पूजा स्थल का नाम अमीश द्वारा "बक्सर" प्रयुक्त नहीं किया गया है! लेकिन 'ताड़का' वध वहीं हुआ था ये तय है, मैंने बक्सर का लिंक दिया है, यह साश्वत सत्य है।
मैं आगे की रोमांचक यात्रा पर 'शिव' के साथ निकलता हूँ तबतक आप कृपया नक्शा बाँचिये ...
नमस्कार
_श्री .
स्वीकारोक्ति : उपन्यास के उपरोक्त प्रसंग में पूजा स्थल का नाम अमीश द्वारा "बक्सर" प्रयुक्त नहीं किया गया है! लेकिन 'ताड़का' वध वहीं हुआ था ये तय है, मैंने बक्सर का लिंक दिया है, यह साश्वत सत्य है।
मैं आगे की रोमांचक यात्रा पर 'शिव' के साथ निकलता हूँ तबतक आप कृपया नक्शा बाँचिये ...
नमस्कार
_श्री .