Powered By Blogger

Wednesday, September 29, 2010

Amitabh Bachchan aur Main # 25 se Aage...

#26
श्री अमित भैया !
सदर प्रणाम.
हे असम्बोधानीय !!
...मुझे क्षमा करेंगे, मैं आज पहले ही चालू हो गया !
लोहरदगा        थाना टोली/रोड              २९/सितम्बर/२०१०        ०८:३४ सायं
२००५ क़ि अमित जी जो फिल्म रिलीज़ हुई वो भी एक प्रायोगिक फिल्म थी लेकिन इसका प्रचार कुछ ऐसा हुआ था क़ि देखने क़ि उत्सुकता बढ़ गई थी, फिल्म के रिलीज़ होते ही मैं न देख सका, ...जब देखा तो डर गया ! अमित जी ने अभिनय ही ऐसा किया है !! उस फिल्म को एक बार देखने के बाद आज का दिन है कई अवसर आये लेकिन दुबारा देखने का सहस न जुटा सका !! अमित जी ने अभिनय ही ऐसा किया है !! घर पर सी. डी. है पर देखने क़ि हिम्मत नहीं होती ! अमित जी ने अभिनय ही ऐसा किया है !! घोषणा हुई क़ि इस फिल्म के लिए अमित जी को सरकारी ईनाम मिलेगा, लेकिन फिर भी मुझे इसे फिर से देखने का मन नहीं हुआ ! अमित जी ने अभिनय ऐसा किया है !! वह घोषित पुरस्कार अमिताभ बच्चन को दिए गए ! Double-Winner, Filmfare Best Actor Award & Filmfare Critics Award for Best Performance.; Winner, National Film Award for Best actor वह फिल्म थी संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म
 
*"_ब्लैक_"*
फिर भी मैंने इस फिल्म को अभी भी दुबारा नहीं देखने का सहस होता , अमित जी ने अभिनय ही ऐसा किया है !! बच्चा तो डरेगा ही न !!!
अगली रिलीज़ थी "_वक़्त_The RaceAgainst Time" ! जिसमे बोमन ईरानी जैसे बेहतरीन कलाकार अमित जी के साथ थे ! फिर बरी आई बहु प्रतीक्षित फिल्म 
 *"_बंटी-और-बबली_"* क़ी ! 
मैं यहाँ इस फिल्म क़ी सिर्फ दो बातों क़ी चर्चा करूँगा : पहली बात :- फिल्म में अमिताभ बच्चन अपने सिनिअर के कहने पर दूसरी ड्यूटी मंजूर तो कर लेते हैं लेकिन ऑफिस से विदा होने से पहले अपने ऑफिसर को कहते जाते हैं क़ी बंटी और बबली को अगर कोई पकड़ेगा तो सिर्फ मैं !! इस dialogue में कोई जान नहीं, जान है अमिताभ बच्चन के कहने के ढंग में ! ...और अपनी पेशानी छू कर अपने ऑफिसर का अभिवादन कर के अपनी jacket क़ी दोनों जेबों में हाथ डाले, चिन्गुम चबाते शान से ऑफिस से बाहर चले जाते हैं, अमित जी इस अदा को म्यूजिक क़ी जोरदार आवाज़ रेखांकित करती है, अमित जी क़ि चाल उनके बालों का स्टाइल जो पीछे से नज़र आता है, और मेरा शरीर सिहर जाता है ! '-अरे! ये तो वो ही आदमी है जो वर्षों पहले -फिल्म 'छोटी सी बात' में अचानक प्रकट हो कर हमें चौंका गया था !!' दूसरी बात सारी दुनिया जानती है  : "कजरारे"  !!!
फिर -परिणिता- में अमित जी ने अपनी अवाज्ज़ दी  
"_पहेली_" में एक गड़ेरिये के रूप में आते हैं!!
फिर सुभाष नगरे/ सरकार के बुलंद रोल में
 -सरकार-
बन कर फिर से तमाम जन-मानस पर छ जाते हैं, आँखों के भाव और चेहरे के ताव से यह सन्देश दे जाते हैं क़ि DON सिर्फ मैं हूँ _और रहूँगा !! _गज़ब का अभिनय ! _अविस्मर्णीय ! _अद्भुत !! _अद्वितीय !!!  इसमें अमिताभ बच्चन को filmfare best actor award का nomination मिला.
अगली फिल्म 'विरुद्ध' के मैंने सिर्फ चर्चे सुने हैं, फिल्म नहीं देख पाया हूँ.  फिर कुछ फिल्मे आईं लेकिन बिना कोई दस्तक दिए चली गईं वो थीं : रामजी लन्दन वाले, दिल जो भी कहे...,  लेकिन
 ***_एक अजनबी_*****
इस फिल्म से अमिताभ बच्चन की संलग्न तस्वीर जब से ये उपलब्ध हुई है, मेरे लैपटॉप, और मोबाइल के स्क्रीन क़ि शोभा बनी हुई है .
मैं "एक अजनबी" फिर देखने जा रहा हूँ , बाकि कल ...आएं!?
...जारी... 
आपका.