हिन्दुस्तानी नौसैनिक हवाई-अड्डे के हैंगर में >
प्लेन मेन्टेनेंस मैन(जॉन)>'सर दिन में दो-दो बार आप लड़ाई पर जाता है। जब तक नहीं आता, हमको चैन ही नहीं आता सर!'
फाइटर पायलट>"हा हा हा। जॉन!जॉन!जॉन!"
प्लेन मेन्टेनेंस मैन(पूरन)>"अरे, जॉन भैया! लड़ाई में दुश्मनन के मार-मार के बड़ा मज़ा आता है। क्यूँ सर?'
फाइटर पायलट>'मज़े और नफरत को भूल जाओ। पूरन ! तुमने गीता पढ़ी है?'
पूरन>'नइ सर।"
फाइटर पायलट>अरे पढ़ी तो हमने भी नहीं! हा हा! लेकिन सुना है कि उसमे लिखा है कि ज़िन्दगी में सबसे बड़ी चीज़ है कर्म। यानि कि अमल। एक्शन! जॉन, एक्शन!!
जॉन>'यस सर।'
फाइटर पायलट>'यह बात हमने एक मुसलमान शायर की नज़्म से सीखी है। अच्छा देर हो रही है। चलूँ!'
पूरन जोर से चिल्लाकर>'सर, वो शायर क्या कहता है!? हमें भी सुनाइये न सर! प्लीज़ सर!'
हैंगर से निकर कर अपने फाइटर प्लेन की तरफ जाते थोडा ठिठक कर >
फाइटर पायलट>'अच्छा! एक मिनट है।:>>>
प्लेन मेन्टेनेंस मैन(जॉन)>'सर दिन में दो-दो बार आप लड़ाई पर जाता है। जब तक नहीं आता, हमको चैन ही नहीं आता सर!'
फाइटर पायलट>"हा हा हा। जॉन!जॉन!जॉन!"
प्लेन मेन्टेनेंस मैन(पूरन)>"अरे, जॉन भैया! लड़ाई में दुश्मनन के मार-मार के बड़ा मज़ा आता है। क्यूँ सर?'
फाइटर पायलट>'मज़े और नफरत को भूल जाओ। पूरन ! तुमने गीता पढ़ी है?'
पूरन>'नइ सर।"
फाइटर पायलट>अरे पढ़ी तो हमने भी नहीं! हा हा! लेकिन सुना है कि उसमे लिखा है कि ज़िन्दगी में सबसे बड़ी चीज़ है कर्म। यानि कि अमल। एक्शन! जॉन, एक्शन!!
जॉन>'यस सर।'
फाइटर पायलट>'यह बात हमने एक मुसलमान शायर की नज़्म से सीखी है। अच्छा देर हो रही है। चलूँ!'
पूरन जोर से चिल्लाकर>'सर, वो शायर क्या कहता है!? हमें भी सुनाइये न सर! प्लीज़ सर!'
हैंगर से निकर कर अपने फाइटर प्लेन की तरफ जाते थोडा ठिठक कर >
फाइटर पायलट>'अच्छा! एक मिनट है।:>>>
"साथियों! दोस्तों! हम आज के अर्जुन ही तो हैं!
हमसे भी कृष्ण यही कहते हैं कि
ज़िन्दगी सिर्फ अमल! सिर्फ अमल! सिर्फ अमल!
और ये बेदर्द अमल सुलह भी है जंग भी है!
'अमन' की महँगी तस्वीर में है जितने रंग,
'अमन' की महँगी तस्वीर में है जितने रंग,
उन्हीं रंगों में छुपा खून का एक रंग भी है।
जंग रहमत है के लानत?_ये सवाल अब न उठा!
जंग रहमत है के लानत?_ये सवाल अब न उठा!
जंग रहमत है के लानत?_ये सवाल अब न उठा!
जंग जब आ ही गई सर पे तो रहमत होगी,
दूर से देख न भड़के हुए शोलों का ज़लाल,
दूर से देख न भड़के हुए शोलों का ज़लाल...,
दूर से देख न भड़के हुए शोलों का ज़लाल...,
इसी दोज़ख के किसी कोने में ज़न्नत होगी!!!!
दोस्तों! साथियों! हम आज के अर्जुन ही तो हैं!"
"हः हा ........!! ...तो ज़न्नत होगी!
ना झुकेगा, सर वतन का, ...हर उड़ान की कसम्म्म्म्म्म !!
हिन्दुस्तान की कसम!
हो! हो! हो!... "
ना झुकेगा, सर वतन का, ...हर उड़ान की कसम्म्म्म्म्म !!
हिन्दुस्तान की कसम!
हो! हो! हो!... "
जय हिन्द!
(किसी को कुछ याद आया!! ?)
इंडियन एयर फ़ोर्स के सम्मान में!
हर हिन्दुस्तानी नौसैनिक फाइटर-पायलट को मेरा सलाम!
वन्दे मातरम!
_श्रीकान्त तिवारी.
(किसी को कुछ याद आया!! ?)
इंडियन एयर फ़ोर्स के सम्मान में!
हर हिन्दुस्तानी नौसैनिक फाइटर-पायलट को मेरा सलाम!
वन्दे मातरम!
_श्रीकान्त तिवारी.