NDTV india के एंकर रवीश कुमार को मैंने facebook पर मैसेज भेजा है:
टीवी पर आप बड़े भाई लगते हैं, लेकिन आपको भईया कहूँ या "सर" मैं निर्णय नहीं ले पा रहा हूँ। भईया कहने से इसलिए हिचक रहा हूँ कि कहीं आप ये न समझ लें कि कौन ज़बरदस्ती गले पड़ रहा है। और सर कहने से इसलिए हिचक रहा हूँ कि सर हमलोग स्कूल में मास्टर साहेब को कहते थे या आजकल डॉक्टर या अपने एम्प्लोयर को कहते हैं जो आप नहीं हैं। सर को श्रीमान कहने का रिवाज ख़तम हो गया है। आपको आपके नाम से संबोधित करने की क्षमता शायद मुझमे नहीं है। क्योंकि मैं कोई ख़ास क्या बढ़िया से आम आदमी भी नहीं हूँ। ट्विटर पर आपको पढ़ा। टीवी पर आपको पहली बार "रवीश की रिपोर्ट" में देखा। तभी से आपकी बातें बड़े मनोयोग से सुनता हूँ। NDTVindia पर prime-time, या "हमलोग" जब आप प्रस्तुत कर रहे होते हैं तब ज़रूर देखता हूँ।
facebook पर Add Friend पर क्लिक किया तो ये मैसेज प्रकट हुआ:
Friend requests are for connecting with people you know well, like classmates, friends, family and coworkers. Please don’t send this friend request unless you know this person personally. फलतः घबरा गया। कस्बा नाम से आपके ब्लॉग को पढता हूँ। आपसे प्रभावित हुआ, लगता है आप मेरी भाषा में मेरी शैली में मेरे लहजे में बोल रहे हैं। अतः आपसे जुड़ना चाहता हूँ। अगर आपको मेरा आपसे जुड़ने का ये प्रयास मेरी धृष्टता लगे तो क्षमा कीजियेगा। मैं facebook पर आपसे जुड़ना चाहता हूँ। मैं बहुत मामूली आदमी हूँ, या शायद फालतू। जो भी आपका निर्णय हो बताइयेगा ज़रूर। क्योंकि उत्तर न देना मेरा भ्रम तोड़ देगा कि....
वैसे मेरा नाम श्रीकांत तिवारी है। मैं लोहरदगा, झारखण्ड का निवासी हूँ। भोजपुरी भाषी हूँ। हिंदी में मैं अपनी अभिव्यक्ति को, स्वयं को अच्छी तरह लिख-बोल सकता हूँ। अंग्रेजी मुझे कम आती है, किसी तरह काम चला लेता हूँ।
टीवी पर आप बड़े भाई लगते हैं, लेकिन आपको भईया कहूँ या "सर" मैं निर्णय नहीं ले पा रहा हूँ। भईया कहने से इसलिए हिचक रहा हूँ कि कहीं आप ये न समझ लें कि कौन ज़बरदस्ती गले पड़ रहा है। और सर कहने से इसलिए हिचक रहा हूँ कि सर हमलोग स्कूल में मास्टर साहेब को कहते थे या आजकल डॉक्टर या अपने एम्प्लोयर को कहते हैं जो आप नहीं हैं। सर को श्रीमान कहने का रिवाज ख़तम हो गया है। आपको आपके नाम से संबोधित करने की क्षमता शायद मुझमे नहीं है। क्योंकि मैं कोई ख़ास क्या बढ़िया से आम आदमी भी नहीं हूँ। ट्विटर पर आपको पढ़ा। टीवी पर आपको पहली बार "रवीश की रिपोर्ट" में देखा। तभी से आपकी बातें बड़े मनोयोग से सुनता हूँ। NDTVindia पर prime-time, या "हमलोग" जब आप प्रस्तुत कर रहे होते हैं तब ज़रूर देखता हूँ।
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Friend requests are for connecting with people you know well, like classmates, friends, family and coworkers. Please don’t send this friend request unless you know this person personally. फलतः घबरा गया। कस्बा नाम से आपके ब्लॉग को पढता हूँ। आपसे प्रभावित हुआ, लगता है आप मेरी भाषा में मेरी शैली में मेरे लहजे में बोल रहे हैं। अतः आपसे जुड़ना चाहता हूँ। अगर आपको मेरा आपसे जुड़ने का ये प्रयास मेरी धृष्टता लगे तो क्षमा कीजियेगा। मैं facebook पर आपसे जुड़ना चाहता हूँ। मैं बहुत मामूली आदमी हूँ, या शायद फालतू। जो भी आपका निर्णय हो बताइयेगा ज़रूर। क्योंकि उत्तर न देना मेरा भ्रम तोड़ देगा कि....
वैसे मेरा नाम श्रीकांत तिवारी है। मैं लोहरदगा, झारखण्ड का निवासी हूँ। भोजपुरी भाषी हूँ। हिंदी में मैं अपनी अभिव्यक्ति को, स्वयं को अच्छी तरह लिख-बोल सकता हूँ। अंग्रेजी मुझे कम आती है, किसी तरह काम चला लेता हूँ।