आज के दिन सन 2013 में मेरे घर में पहली बार पूजा-अर्चना और शंखनाद हुआ। ईश्वर का लाख-लाख शुकर। आज ऑफिस में चमरराम ने मुझे, अपने निश्छल प्रेम के रूप में कुछ फूल दिए। ये मेरे परिवार के लिए है,जो आपलोग हैं। सन्नी ने इस पल को संजोने का काम किया। फिर सन्नी ने खुद, मेरे संकलनों में से, "अमर चित्र कथा" छाँटकर निकाला और जाड़े की स्निग्ध धूप में बैठ उसका रसास्वादन करने लगे। देखिये मेरे चमरभाई को, उनके उगाये फूलों को, और सन्नी [हमारे प्रिय,मंझले, इंजिनियर साहब] को "अमर चित्र कथा" पढ़ते हुए.........मलुवा नीचे बैठी है, उसके बच्चे दूध पीने की होड़ में ..........!
_श्रीकांत .
_श्रीकांत .