August 21st, 2010 by Shrikant Tiwari
श्री अमिताभ भईया
सादर प्रणाम
मुझे इंग्लिश पढ़कर, थोडा-थोडा समझ में आता है। लेकिन मैं इग्लिश में अपनी बातों को और लोगों या आपकी तरह कह पाने में पूर्णतया असमर्थ हूँ।शायद इसीलिए मेरे लेखन को पूरी तरह से नकार दिया जाए! आपके समान महान व्यक्तित्व का आशीर्वाद और समर्थन ही मुझे लगातार लिखते रहने के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा! आपके सम्मान में मेरे द्वारा निर्मित ०५ अगस्त,२०१० की, आपकी यह "दुर्लभ" चित्र प्रस्तुत करता हूँ :
प्रिय अमित भईया! आपकी यह प्यारी छवि मैंने श्री मनोज कुमार जी की फिल्म 'रोटी कपडा और मकान' की विडियो देखते समय पाया, आपकी यह छवि मात्र कुछ सेकेंड्स के लिए ही स्क्रीन पर फ़्लैश होती है, मैं रोमांचित हो उठता हूँ! अगली संलग्न तस्वीर (ऊपर वाले की कॉपी है) में मैंने सारे अनुभव लिख दिए हैं!
"त्वदीयं वस्तु गोविंद, तुभ्यमेव समर्पये।।"
सादर अभिनन्दन के साथ
मैं__श्रीकांत तिवारी .
सादर प्रणाम
मुझे इंग्लिश पढ़कर, थोडा-थोडा समझ में आता है। लेकिन मैं इग्लिश में अपनी बातों को और लोगों या आपकी तरह कह पाने में पूर्णतया असमर्थ हूँ।शायद इसीलिए मेरे लेखन को पूरी तरह से नकार दिया जाए! आपके समान महान व्यक्तित्व का आशीर्वाद और समर्थन ही मुझे लगातार लिखते रहने के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा! आपके सम्मान में मेरे द्वारा निर्मित ०५ अगस्त,२०१० की, आपकी यह "दुर्लभ" चित्र प्रस्तुत करता हूँ :
प्रिय अमित भईया! आपकी यह प्यारी छवि मैंने श्री मनोज कुमार जी की फिल्म 'रोटी कपडा और मकान' की विडियो देखते समय पाया, आपकी यह छवि मात्र कुछ सेकेंड्स के लिए ही स्क्रीन पर फ़्लैश होती है, मैं रोमांचित हो उठता हूँ! अगली संलग्न तस्वीर (ऊपर वाले की कॉपी है) में मैंने सारे अनुभव लिख दिए हैं!
"त्वदीयं वस्तु गोविंद, तुभ्यमेव समर्पये।।"
सादर अभिनन्दन के साथ
मैं__श्रीकांत तिवारी .
आपका एक अकिंचन भक्त!